ABC News: रूस और यूक्रेन के बीच लगातार जंग जारी है. अमेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद भारत का रूसी बाजार से तेल खरीदना जारी है. इस बीच ईरान ने भी भारत से तेल व्यापार शुरू करने को लेकर दिलचस्पी दिखाई है. ईरान चाहता है कि रूसी मॉडल को फॉलो करते हुए भारत को उनसे तेल खरीदना चाहिए. ईरान ने भारत से अपील करते हुए कहा है कि वो फिर से तेल की खरीद शुरू करे. भारत ने रूस-यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर पश्चिमी प्रतिबंधों को दरकिनार कर रूस से तेल खरीदना जारी रखा है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ईरान का मानना है कि भारत जिस तरह से रूस के मामले में अमेरिकी दबाव को नजरअंदाज करना जारी रखा है, ठीक उसी तरह उसके साथ ट्रेड में भी अमेरिकी प्रतिबंधों की परवाह करना छोड़कर तेल की खरीद करे. द प्रिंट की रिपोर्ट के अनुसार उज्बेकिस्तान के समरकंद में एससीओ समिट के दौरान पीएम मोदी के साथ एक व्यक्तिगत बैठक के दौरान ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी द्वारा इस मामले को उठाए जाने की उम्मीद है. एससीओ शिखर सम्मेलन 15-16 सितंबर तक होने वाला है, जिसमें मोदी, रईसी और सभी मध्य एशियाई नेताओं के अलावा चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ भी शिरकत करेंगे. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन की ओर से कड़े प्रतिबंध लगाने के बाद भारत ने मई 2019 से ईरान से तेल खरीदना बंद कर दिया था. प्रतिबंध लगाए जाने से पहले, भारत चीन के बाद ईरानी तेल का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार था. अधिकारियों के मुताबिक भारत को ये कदम उस समय अमेरिका के दबाव के कारण उठाना पड़ा था क्योंकि अमेरिका ने ईरान पर कई कड़े प्रतिबंध लगाए थे. ईरान के अधिकारियों का कहना है कि अमेरिका की ओर से लगाए गए प्रतिबंध एकतरफा हैं और संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व वाले नहीं हैं, फिर भी भारत ने उस देश से तेल खरीदना बंद कर दिया. ईरान का कहना है कि अब जबकि भारत ने रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों से बचने के लिए एक तंत्र तैयार कर लिया है, ईरान के लिए भी उसी नीति का पालन करना चाहिए. इस मामले पर कथित तौर पर उस समय चर्चा हुई, जब भारत में ईरान के निवर्तमान राजदूत अली चेगेनी ने पिछले हफ्ते विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की थी.