ABC News : ( ट्विंकल यादव ) देश की राजधानी दिल्ली में केंद्र सरकार में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप पुरी ने दिल्ली में 25 सितंबर 2023 को देश की पहली हाइड्रोजन चलित बस को हरी झंडी दिखाकर साफ सुथरे पर्यावरण की तरफ एक कदम बढ़ा दिया. उन्होंने कहा कि हमारे परिवहन का भविष्य हरित हाइड्रोजन पर होगा. यह एक गेम-चेंजिंग विकास है. जिसका असर आने वाले दिनों में देखने को मिल सकता है. सरकार दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में 15 और फ्यूल सेल बसें चलाने की योजना बना रही है. उन्होंने बताया कि हाइड्रोजन को फ्यूचर का फ्यूल माना जाता है, जिसमें भारत को डीकार्बोनाइजेशन टार्गेट को पूरा करने में मदद करने की आपार क्षमता है और 2050 तक हाइड्रोजन की ग्लोबल मांग चार से सात गुना बढ़कर 500-800 मिलियन टन होने की उम्मीद है.
ग्रीन हाइड्रोजन क्या होता है?
ग्रीन हाइड्रोजन एनर्जी का सबसे साफ सोर्स है। इससे प्रदूषण नहीं होता है। ग्रीन हाइड्रोजन एनर्जी बनाने के लिए पानी से हाइड्रोजन और ऑक्सीजन को अलग किया जाता है। इस प्रोसेस में इलेक्ट्रोलाइजर का उपयोग होता है। इलेक्ट्रोलाइजर रिन्यूएबल एनर्जी (सोलर, हवा) का इस्तेमाल करता है।ग्रीन हाइड्रोजन का उपयोग ट्रांसपोर्ट, केमिकल, आयरन सहित कई जगहों पर किया जा सकता है।
350 बार के दबाव पर स्टोर किया गया हाइड्रोजन फ्यूल
ग्रीन हाइड्रोजन फ्यूल सेल बस को चलाने के लिए भारत में पहली बार 350 बार के दबाव पर स्टोर किया गया है। इंडियन ऑयल ने दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के सिलेक्ट रास्तों में 15 बसों की टेस्टिंग के लिए साइंटिफिकली डिजाइन कार्यक्रम की शुरुआत की है।
पुरी ने दी शुभकामनाएं
पुरी ने कहा, “ग्रीन हाइड्रोजन से चलने वाली यह बस देश में शहरी परिवहन का चेहरा बदलने जा रही है. मैं इस परियोजना की बारीकी से निगरानी करूंगा और राष्ट्रीय महत्व की इस परियोजना को सफलतापूर्वक निष्पादित करने के लिए आप सभी को शुभकामनाएं देता हूं. मिनिस्ट्री ने ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र में अग्रणी पहल की है और हम रिफाइनरियों में हरित हाइड्रोजन का उत्पादन और उपयोग करने के अपने प्रयासों में तेजी ला रहे हैं.”