IMF ने की पाकिस्तान की इंटरनेशनल बेइज्जती! वित्त मंत्री को मांगनी पड़ गई माफी

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ABC NEWS: पाकिस्तान में सेना के रहमोकरम पर शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) दूसरी बार सत्ता पर काबिज हो गए हैं. लोकतंत्र को कैद कर सेना ने अपना मुखौटा तो चुन लिया लेकिन कंगाल हो चुके पाकिस्तान को सेना के मुखौटे संभाल नहीं पा रहे हैं. अपनी कंगाली को छिपाने के लिए झूठ का सहारा ले रहे हैं लेकिन IMF के झूठ भी सलीके से नहीं बोल पा रहे हैं और इस तरह एक बार फिर पाकिस्तान की इंटरनेशनल बेइज्जती हो रही है.

IMF लोन की इनसाइड स्टोरी

जान लें कि पाकिस्तान को कर्ज मिलने की इनसाइड स्टोरी पाकिस्तानी अखबारों में भी छप गई है. पाकिस्तान के मशहूर मीडिया हाउस GEO NEWS के आर्टिकल में साफ-साफ लिखा हुआ है कि IMF की टीम ने बातचीत के दौरान पाकिस्तानी फाइनेंस मिनिस्ट्री की टीम को डांट-फटकार लगाई है. जान लें कि इस्लामाबाद में एक विदेशी टीम ने पाकिस्तान की सरकार को कितना बेइज्जत किया इसका दूसरा सबूत भी सीमा पार से आया है.

पाकिस्तान की बेइज्जती कैसे हुई?

पाकिस्तान के The News International में छपे आर्टिकल में कहा गया है कि IMF ने पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय को टारगेट पूरा करने के दावे पर फटकार लगाई है. पाकिस्तानी एक्सपर्ट आलिया शाह ने बताया कि IMF के मिशन चीफ नेथन पोर्टर ने कहा कि ये आपने क्या किया है? उन्होंने नाखुशी जताई पाकिस्तान की फाइनेंस टीम पर कि आपने हमसे पूछे बगैर ये हैंडआउट कैसे जारी कर दिया. वो हैंडआउट क्या था? क्या आप सोच सकते हैं कि पाकिस्तान की फाइनेंस मिनिस्ट्री की तरफ से उनसे बातचीत से पहले ही हैंडआउट जारी कर दिया गया. जिसमें कहा गया कि तमाम टारगेट पूरे कर लिए गए हैं.

पाकिस्तान सरकार को क्यों पड़ी फटकार?

पाकिस्तान को फटकार क्यों लगी. ये भी समझ लेते हैं. IMF की टीम ने बातचीत के पहले सत्र में पाकिस्तानी वित्त मंत्रालय की टीम से पूछताछ की. वहां पाकिस्तान को समझ नहीं आ रहा था कि कैसे जवाब दिया जाए. पाकिस्तान के नए वित्त मंत्री औरंगजेब ने मामले को संभालने की कोशिश की और माफी मांगते हुए कहा कि भविष्य में दोबारा ऐसी गलती नहीं होगी.

पाकिस्तान ने क्या की गलती?

असल में पाकिस्तान ने IMF से बातचीत से ठीक एक दिन पहले बाकायदा प्रेस रिलीज जारी की गई. जिसमें दावा किया गया कि इस्लामाबाद ने IMF के सभी लक्ष्यों को पूरा कर लिया है. इसमें लिखा गया था कि IMF से नई मदद मिलने से पहले हमने सभी संरचनात्मक मानक और अन्य लक्ष्यों को पूरा कर लिया है. कुल मिलाकर जोर-शोर से पाकिस्तान को कंगाली से बाहर लाने का ढोल पीटा गया. जो IMF को पसंद नहीं आया.

गौरतलब है कि IMF की टीम 18 मार्च तक पाकिस्तान में रहेगी. ये टीम जो भी शर्तें रखेगी, इस्लामाबाद को हंसते-हंसते वो शर्त माननी होगी. और इसी के आधार पर पाकिस्तान के कटोरे में अगला कर्ज पहुंचेगा यानी भीख मिलेगी.

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