‘संगम आए स्वामी प्रसाद मौर्या तो जूतों से करेंगे स्वागत…’ तीर्थ पुरोहितों का ऐलान

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ABC NEWS: सनातन धर्म को लेकर डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन और सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्या की टिप्पणी पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा. इस विवाद की आंच में अब संगम नगरी प्रयागराज भी तपने लगी है. प्रयागराज के तीर्थ पुरोहितों ने संगम तट पर इन दोनों नेताओं का पुतला दहन किया. साथ ही ऐलान किया कि ये दोनों नेता प्रयागराज की सीमा में भी घुसने की कोशिश करते हैं तो यहां उनका ना केवल जूतों से स्वागत किया जाएगा, बल्कि तीर्थ पुरोहित उन्हें जूतों की माला भी पहनाएंगे.

बता दें कि सनातन धर्म के खिलाफ अब तक सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या विवादित बयान दे रहे थे, लेकिन अब तमिलनाडु से भी एक और नाम इस तरह का बयान देने वाले नेताओं की सूची में जुड़ गया है. यह नेता है उदयनिधि स्टालिन है. उदयनिधि के बयानों पर उत्तर भारत से लेकर दक्षिण अफ्रीका तक चर्चा हो रही है. उनके बयान से आहत प्रयागराज के तीर्थ पुरोहित भी नाराज हैं. तीर्थ पुरोहिता ने मंगलवार को इन दोनों नेताओं का संगम तट पर पुतला दहन किया.

सनातन धर्म विरोधी बयानबाजी करने वाले इन नेताओं की आलोचना की और धमकी दी कि यदि ये नेता प्रयागराज की सीमा में भी प्रवेश करते हैं तो उनका स्वागत जूतों से किया जाएगा. इन्हें तीर्थ पुरोहित की ओर से जूतों की माला भेंट की जाएगी. प्रदर्शन कर रहे तीर्थ पुरोहितों ने कहा है कि सनातन धर्म के खिलाफ यह अनर्गल बयान अनायास नहीं आ रहे हैं, बल्कि इन नेताओं द्वारा जानबूझकर और राजनीतिक लाभ के लिए सनातन को अपमानित किया जा रहा है.

कहा कि सनातन धर्म को कोई नहीं मिटा सकता. यह अजर -अमर और अविनाशी है. तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि विदेशी आक्रांताओं ने समय-समय पर भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म को चोट पहुंचाने की कोशिश की. कई बार प्रयास किया इसे मिटाने के लिए, लेकिन आज तक कोई इसे कमजोर नहीं कर पाया. जब उनके पास इतनी ताकत थी तो भी कर नहीं कर पाए तो ये स्टालिन और मौर्या किस खेत की मूली हैं.

पुरोहितों के मुताबिक तक्षशिला और मिथिला में भी भारतीय सभ्यता और संस्कृति को नष्ट करने की कोशिश की गई. बावजूद इसके हमारी सभ्यता और संस्कृति के साथ ही हमारे सनातन धर्म को नष्ट नहीं किया जा सका. तीर्थ पुरोहितों ने सनातन धर्म के खिलाफ अर्नगल प्रलाप करने वाले इन नेताओं को तत्काल अपनी बयान बाजी बंद करने को कहा. चेतावनी दी कि ऐसा नहीं करते तो प्रयागराज आने पर इनका जूतों से स्वागत किया जाएगा. वहीं, स्वामी प्रसाद मौर्या के परिजनों का तर्पण और कर्मकांड भी यहां नही होने दिया जाएगा.

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