ABC NEWS: भारत के हरफनमौला खिलाड़ी को ICC की आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी पाया गया जिसके कारण आईसीसी ने उन पर जुर्माना ठोका है. भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए पहले टेस्ट मैच के दौरान आईसीसी आचार संहिता के अनुसार जडेजा को लेवल 1 के अपराध का दोषी पाया गया है. उन्होंने पहली पारी के दौरान अंपायर की अनुमति के बिना अपनी बाईं तर्जनी पर एक क्रीम लगाई और इसके लिए उन्हें एक डिमेरिट पॉइंट मिला है, जबकि मैच फीस का 25 प्रतिशत जुर्माना भी लगाया गया.
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टेस्ट के दौरान जडेजा को आईसीसी आचार संहिता के लेवल 1 के उल्लंघन के लिए मैच फीस का 25 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया है. रवींद्र जडेजा को खिलाड़ियों और खिलाड़ी सहयोगी कर्मियों के लिए आईसीसी की आचार संहिता के अनुच्छेद 2.20 का उल्लंघन करते पाया गया, जो खेल भावना के विपरीत आचरण प्रदर्शित करने से संबंधित है. इसके अलावा जडेजा के अनुशासनात्मक रिकॉर्ड में एक डिमेरिट अंक जोड़ा गया है. 24 महीने की अवधि में यह उनका पहला अपराध था.
जडेजा पर लगा था बॉल टेंपरिंग का आरोप
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए पहले टेस्ट मैच की पहली पारी के दौरान 46वें ओवर में ऑस्ट्रेलिया की पारी के दौरान जडेजा अपने इंडेक्स फिंगर पर एक क्रीम लगाते हुए नजर आए थे. वायरल वीडियो में जडेजा ने सिराज के हाथ पर मौजूद क्रीम को लिया और अपनी बाएं हाथ की अंगुली पर रगड़ते हुए नजर आए, इस दौरान उनके उसी हाथ में गेंद भी थी, जिसके बाद ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर और मीडिया ने उन पर बॉल टैंपरिंग का भी आरोप लगाया था. हालांकि इसके लिए फील्ड अंपायर की परमिशन जरूरी होती है, लेकिन भारतीय टीम ने ऐसे नहीं किया था.
भारतीय टीम प्रबंधन ने बताया था कि फिंगर स्पिनर अपने गेंदबाजी हाथ की तर्जनी पर मौजूद सूजन पर क्रीम लगा रहा था. यह ऑन-फील्ड अंपायरों से अनुमति मांगे बिना किया गया था. जडेजा ने अपराध स्वीकार कर लिया और आईसीसी मैच रैफरी एंडी पाइक्रॉफ्ट द्वारा प्रस्तावित जुर्माने को स्वीकार कर लिया, इसलिए औपचारिक सुनवाई की कोई आवश्यकता नहीं थी.
मैच रेफरी ने जडेजा पर लगे आरोप को किया खारिज
आईसीसी आचार संहिता के अनुसार जडेजा को लेवल 1 का दोषी पाया गया और इस दौरान फैसले पर पहुंचने पर मैच रेफरी इस बात से संतुष्ट थे कि क्रीम पूरी तरह से चिकित्सा उद्देश्यों के लिए अंगुली पर लगाई गई थी. क्रीम को गेंद पर लगाने का कोई सबूत नहीं मिला है. इससे गेंद की स्थिति में बदलाव नहीं किया. अगर ऐसा होता तो खिलाड़ी आईसीसी के क्लॉज 41.3 के उल्लंघन का दोषी होता, जिसमें अनुचित खेल, गेंद की स्थिति को बदलना शामिल है.