ABC News : ( ट्विंकल यादव ) हर किसी का सपना होता है कि उसका अपना घर हो. कई बार लोग घर खरीदने के लिए बैंक से लोन लेते हैं. लोगों के इस सपने को पूरा करने में होम लोन का बहुत बड़ा हाथ है. घर खरीदने या बनाने के लिए बैंक अब खुलकर लोन बांट रहे हैं. यही कारण है कि जहां साल 2012 में कुल लोन में होम लोन की हिस्सेदारी 8.6 फीसदी थी, वो साल 2023 आते-आते बढ़कर 14.2 फीसदी हो चुकी है.
घर खरीदने पर उसका रजिस्ट्रेशन कराने पर काफी खर्च होता है. तहसील में स्टॉम्प ड्यूटी और रजिस्ट्री फीस के रूप में बहुत पैसा खर्च होता है. लेकिन, जब आप होम लोन लेते हैं तो उसमें स्टांप ड्यूटी और दूसरे रजिस्ट्रेशन चार्जेज लोन अमाउंट में शामिल नहीं होते हैं. लगभग एक दशक पहले, भारतीय रिजर्व बैंक ने लोन लेने वालों को घर की कुल कीमत में स्टांप ड्यूटी या रजिस्ट्रेशन चार्ज शामिल नहीं करने का निर्देश दिया था. हालांकि 2015 में आरबीआई ने अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए बैंकों को 10 लाख रुपये तक के होम लोन के लिए स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस उसमें शामिल करने की इजाजत दी थी.
भारतीय बैंकों ने RBI के पास भेजा एक प्रस्ताव
अब भारतीय बैंकों ने भारतीय रिजर्व बैंक ( RBI ) के पास एक प्रस्ताव भेजा है. इसमें बैंकों ने आरबीआई से स्टांम्प ड्यूटी और रजिस्ट्री पर होने वाले खर्च के लिए भी लोन देने की अनुमति देने की गुजारिश की है. अब बस इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने का इंतजार है. यदि RBI इस प्रस्ताव को मंजूरी दे देता है तो 1 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट जिसमें 20 लाख रुपये की स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस शामिल है, के लिए लोन लेने वाले ग्राहक को आरबीआई की तरफ से निर्धारित मूल्य (LTV) रेश्यो के मुताबिक पहले के 60 लाख रुपये के मुकाबले 75 लाख रुपये तक का लोन मिल जाया करेगा. LTV यानी लोन-टू-वैल्यू लोन अमाउंट का वह रेश्यो होता है, जो प्रॉपर्टी की कुल वैल्यू पर दिया जा सकता है. LTV की प्रॉपर्टी रेंज 75 फीसदी से 90 फीसदी तक हो सकती है.
पर्सनल लोन में भी हुआ इजाफा
आरबीआई की रिपोर्ट से यह भी खुलासा हुआ है कि इस साल पर्सनल लोन लेने (Personal Loan) वालों की भी संख्या में बढ़ोतरी हुई है. 2023 में कुल रजिस्टर्ड पर्सनल लोन की वृद्धि दर 20.6 फीसदी की है. वहीं पिछले साल यह आंकड़ा केवल 12.60 फीसदी का था. वहीं इंडस्ट्री लोन की बात करें तो इसमें साल दर साल 5.7 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है. वहीं पिछले साल यह वृद्धि दर 7.5 फीसदी की थी. ऐसे में इस साल बिजनेस लोन की वृद्धि दर में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है.