ABC NEWS: कानपुर अजमेर समेत अलग-अलग जिलों में चरस बिक्री करने के साथ मोबाइल लूटने वाले गिरोह के 2 सदस्यों को बाबू पुरवा पुलिस ने नए पुल के पास से गिरफ्तार किया. दोनों के पास से लूटे गए 106 मोबाइल और एक किलो 800 ग्राम चरस बरामद की. दोनों लुटेरों के खिलाफ बाबूपुरवा समेत कई अन्य थानों में भी गैंगस्टर, लूट, चोरी आदि धारा में मुकदमे दर्ज हैं.
डीसीपी साउथ प्रमोद कुमार ने बताया कि बाबूपुरवा पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर नए पुल के नीचे रेलवे लाइन के पास से दो लुटेरों को पकड़ा था. दोनों के पास से दो बैग में 106 लूट किए मोबाइल और एक किलो 800 ग्राम चरस बरामद हुई.
दोनों ने पूछताछ में अपना नाम कर्नलगंज के बब्लू जिलानी का हाता निवासी परवेज उर्फ चिकना और मुंशीपुरवा निवासी शाहरुख उर्फ नूर आलम बताया. डीसीपी साउथ ने बताया कि दोनों लुटेरे, कानपुर, आगरा, अजमेर समेत विभिन्न पर्यटक जिलों में रेलवे स्टेशन और बस अड्डे में लूटपाट करते थे. लूट के मोबाइलों को नेपाल भेजा जाता था, जहां उनके आइइएमआई नंबर बदल दिए जाते हैं.
शातिर चोर और तस्करों का नेपाल कनेक्शन आया सामने
डीसीपी साउथ प्रमोद कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके गिरोह का खुलासा किया. उन्होंने बताया कि यह गैंग अलग-अलग जिले एवं अन्य राज्यों मे चरस बेचने एवं व्यक्तियों के मोवाइल फोन चोरी करता है. रैली, जुलूस और भीड़ को यह गैंग निशाना बनाता है और पलक झपकते ही इस गैंग के शातिर दर्जनों मोबाइल चोरी करके चंपत हो जाते हैं. चेकिंग के दौरान बाबूपुरवा पुलिस ने गिरोह के दो सदस्यों को नए पुल के नीचे रेलवे पटरी के किनारे बाबूपुरवा से 2 की रात को गिरफ्तार किया था. जांच के दौरान शातिरों के पास से 106 चोरी के मोबाइल और 25 लाख कीमत की 1.850 किलो चरस बरामद की है.
पूछताछ में दोनों की पहचान बब्लू जिलानी का हाता बमपुलिस मैदान के पास कर्नंलगज का रहने वाला परवेज उर्फ चिकना और मुंशीपुरवा डाकखाना शहीद पार्क निवासी शाहरुख उर्फ नूर आलम के रूप में हुई है। शातिरों ने बताया कि अजमेर व अन्य शहरों के भीड़ भाड़ वाले स्थानों से चुराया जिन्हें नेपाल में बेंचने की तैयारी थी. वहां पर इनका आइएमआई नंबर बदलकर चलाया जाता है. दोनों के खिलाफ बाबूपुरवा ने चोरी, मदक पदार्थों की तस्करी समेत अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज की है। शनिवार को दोनों को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेजा जाएगा.
इस तरह करते थे अपराध
पूछताछ के दौरान शातिरों ने बताया कि बाहर से हम चरस मंगाते हैं और स्लम एरिया से पूरे शहर में इसकी तस्करी करते हैं. इसके साथ ही रेलवे स्टेशन, बस स्टैण्ड, रैली, जुलूस व भीड़ को निशाना बनाकर मोबाइल चोरी करते हैं. मोबाइल इकट्ठा होने के बाद उसे नेपाल में अच्छी कीमत पर बेच देते हैं.