ABC NEWS: जालौन में बेटी के साथ गैंगरेप के मामले में पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं किए जाने से क्षुब्ध होकर पीड़िता के पिता ने आत्महत्या कर ली. इसे लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर निशाना साधा. इसके बाद प्रशासन ने मंगलवार को थाने के प्रभारी निरीक्षक एवं उप निरीक्षक को निलंबित कर उनके खिलाफ विभागीय जांच का आदेश दिया है.
28 मार्च को गोलू (30) और देवेंद्र (32) ने 15 साल की दलित किशोरी को जन्मदिन की पार्टी में ले जाने के बहाने उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया. पीड़िता के पिता ने कोतवाली एट में जाकर प्रभारी निरीक्षक नरेंद्र कुमार गौतम एवं उपनिरीक्षक अशोक कुमार को इस संबंध में तहरीर दी थी.
पीड़िता का आरोप है कि प्रभारी निरीक्षक ने उनकी तहरीर पर कोई कार्रवाई नहीं की और उल्टा दोनों आरोपियों (गोलू व देवेंद्र) के साथ समझौता करने और पूरे मामले में खत्म करने का दबाव बनाया. पीड़िता की मां का आरोप है कि पुलिस के कार्रवाई नहीं किए जाने पर परेशान होकर वे लोग पुलिस अधीक्षक जालौन डॉक्टर ईरज राजा के पास पहुंचे, लेकिन वहां से उन्हें फिर कोतवाली भेज दिया गया.
पीड़ित पक्ष वापस कोतवाली एट नहीं गया और उन्होंने पूरे मामले की शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल पर डाल दी. शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल पर आते ही पुलिस अधीक्षक ने तत्काल संज्ञान लिया और प्रभारी निरीक्षक को कार्रवाई करने का निर्देश दिया.
इसके बाद भी आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से हताश किशोरी के पिता ने रविवार को आत्महत्या कर ली. इसकी जानकारी मिलते ही खलबली मच गई. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी सोमवार को इसे लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा. अखिलेश ने ट्वीट कर लिखा कि उप्र पुलिस से हताश होकर, बलात्कार पीड़िता के पिता द्वारा आत्महत्या की ख़बर भाजपा सरकार की नाकामी का काला अध्याय है. क्या यही है अमृतकाल?
अखिलेश के हमले के बाद पुलिस अधिकारी फास्ट हुए और पुलिस अधीक्षक ने आत्महत्या के कारण का पता लगाने सहित बलात्कार की घटना की जांच करने का आदेश क्षेत्राधिकारी कोच शैलेंद्र कुमार बाजपेई को दिया है. पुलिस अधीक्षक ने प्रभारी निरीक्षक नरेन्द्र कुमार गौतम एवं उपनिरीक्षक अशोक कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है तथा घटना के जांच का आदेश भी दिया है. पुलिस अधीक्षक ने बताया पूरी जांच आख्या के बाद आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.