ABC NEWS: गंगा दशहरा का पर्व ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है. माना जाता है कि इसी दिन गंगा का अवतरण धरती पर हुआ था. इस दिन गंगा स्नान, गंगा जल का प्रयोग करना और दान धर्म का कार्य करना लाभकारी माना जाता है. इस दिन गंगा की आराधना करने से पापों से मुक्ति मिलती है और इस दिन व्यक्ति को मुक्ति मोक्ष का लाभ मिलता है. इस बार गंगा दशहरा 30 मई, मंगलवार यानी आज मनाई जा रही है.
गंगा दशहरा की पूजन में करें ये खास काम
घी में चुपड़े हुए तिल और गुड़ को दल में डालें. मां गंगा का ध्यान करके उनकी पूजा करें और मंत्रों का जाप करें. पूजन में जो सामग्री का प्रयोग करें, जिसकी संख्या दस हो. विशेष रूप से दस दीपक का प्रयोग करें. दान भी 10 ब्राह्मणों को करें. साथ ही संकल्प लें कि गंगा दशहरा के दिन गंगा नदी को गंदा नहीं करना है. साथ ही इस दिन समय निकालकर भगवान शिव की पूजा करें.
अगर पवित्र नदी तक ना जा पाएं
– घर में ही शीतल जल से स्नान करें.
– जल में थोड़ा सा गंगाजल मिलाएं या तुलसी के पत्त डालें.
– इसके बाद मां गंगा का ध्यान करते हुए स्नान करें.
– स्नान के बाद सूर्यदेव को जल अर्पित करें.
– इसके बाद मां गंगा के मंत्रों का जाप करें.
– आखिरी में निर्धन व्यक्ति या ब्राह्मण को दान करें.
गंगा दशहरा शुभ मुहूर्त
ज्येष्ठ दशमी तिथि की प्रारंभ – मई 29, 2023 यानी कल सुबह 11 बजकर 49 मिनट से
दशमी तिथि का समापन – मई 30, 2023 यानी आज दोपहर 01 बजकर 07 मिनट तक
हस्त नक्षत्र प्रारम्भ – मई 30, 2023 को आज सुबह 04 बजकर 29 मिनट से
हस्त नक्षत्र समापन – मई 31, 2023 यानी कल सुबह 06 बजे तक
व्यतीपात योग प्रारम्भ – मई 30, 2023 को यानी आज रात 08 बजकर 55 मिनट से
व्यतीपात योग समाप्त – मई 31, 2023 को यानी कल रात 08 बजकर 15 मिनट तक
स्नान दान का समय – आज सुबह 04 बजकर 03 मिनट से सुबह 04 बजकर 43 मिनट तक
गंगा दशहरा 2023 शुभ योग
गंगा दशहरा पर रवि और सिद्धि योग का संयोग बन रहा है. साथ ही आज के दिन शुक्र ग्रह कर्क राशि में प्रवेश करेंगे. शुक्र के गोचर से इस दिन धन योग का निर्माण हो रहा है. इस दिन रवि योग पूरे दिन ही रहेगा. साथ ही सिद्धि योग की शुरुआत 29 मई यानी कल रात 09 बजकर 01 मिनट पर शुरू हो चुका है और इसका समापन 30 मई यानी आज रात 08 बजकर 55 मिनट होगा.
गंगा दशहरा के दिन हस्त नक्षत्र का महत्व
ज्योतिषियों के अनुसार गंगा दशहरा के दिन ज्येष्ठ मास, शुक्ल पक्ष, दशमी तिथि, हस्त नक्षत्र, व्यतिपात योग, गर करण और कन्यास्थ चंद्रमा होगा. मां गंगा ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को हस्त नक्षत्र में ही पृथ्वी पर उतरी थीं. इसलिए हस्त नक्षत्र में पूजा-पाठ और मांगलिक कार्य पूर्णत: सफल माने जाते हैं. गंगा दशहरा पर हस्त नक्षत्र सुबह 4 बजकर 26 मिनट से शुरू होकर अगले दिन सुबह सूर्योदय से पहले समाप्त हो जाएगा.
प्रस्तुति: भूपेंद्र तिवारी