ABC NEWS: कानपुर देहात में पुलिस पिटाई से जान गंवाने वाले बलवंत सिंह प्रकरण की जांच अब एसपी कन्नौज के नेतृत्व वाली एसआइटी करेगी. शासन के निर्देश पर नई एसआइटी का गठन कर दिया गया है, जिसमें सीओ तिर्वा को मुख्य विवेचक बनाया गया है. एडीजी भानु भास्कर ने बताया कि शासन ने बलवंत सिंह प्रकरण की जांच के लिए शासन के निर्देश पर एसपी कन्नौज कुंवर अनुपम सिंह के नेतृत्व में नई एसआइटी का गठन किया है.
नई एसआईटी मामले की जांच करेगी, तो वहीं पूर्व में बनी एसआइटी के पास आरोपित पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी की जिम्मेदारी रहेगी. नई एसआइटी में सीओ तिर्वा शिव प्रताप को मुख्य विवेचक बनाया गया है. इंस्पेक्टर मदन गोपाल गुप्ता, इंस्पेक्टर विरेंद्र विक्रम पांडेय, एस इंस्पेक्टर धीरज कुमार, सब इंस्पेक्टर राजकुमार और दो सिपाही एसआइटी में शामिल किए गए हैं. एसपी कन्नौज कुंवर अनुपम सिंह के साथ एसआइटी में शामिल पुलिसकर्मियों ने बलवंत के परिवार के बारे में थाने में पुलिसकर्मियों से जानकारी ली. एसपी कन्नौज ने बताया कि जांच शुरू कर दी गई है.
मृतक की मां और पत्नी की ये है गुहार
पुलिस की पिटाई से जान गंवाने वाले बलवंत सिंह के परिवार का हाल बुरा है। मां ममता व पत्नी शालिनी के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. उनका कहना है कि दोषी पुलिसकर्मियों जिन्होंने बलवंत की हत्या की है उनको फांसी की सजा दी जाए. हमारा तो सब कुछ एक झटके में छिन गया. बोलीं कि ऐसी सजा मिले जिससे किसी और परिवार के साथ ऐसा न हो. शालिनी का कहना है कि ‘उसके पति पर बेरहमी से डंडे बरसाए गए ऐसे पुलिसकर्मियों को सजा मिलने पर ही उसके कलेजे को तसल्ली मिल सकेगी. दो मासूम बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया. इनकी आंखें अपने पिता को निहारती हैं तो क्या जवाब दूं.’
जांच में जुटी छह टीमें दे रहीं दबिश
बलवंत सिंह प्रकरण में हत्या में नामजद फरार पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी के लिए छह टीमें लगी हुई हैं. एसपी सुनीति ने बताया कि दबिश के लिए दिल्ली गई टीम लौट आई है. वहीं एक टीम प्रयागराज में डेरा डाले हुए है। निलंबित एसओजी प्रभारी की गिरफ्तारी के साथ ही तीन और आरोपित पकड़े गए हैं. जबकि बाकी पकड़ से दूर हैं। एक टीम ने मुंगीसापुर, शिवली व भोगनीपुर से आरोपितों के रिश्तेदारों व परिचितों को उठाकर पूछताछ की है. वहीं तीन टीमों को उन्नाव, जालौन व इटावा भेजा गया है.
बता दें, बलवंत को लेकर जब पुलिसकर्मी जिला अस्पताल आए थे तो डाक्टर ने इलाज के दौरान उसे मृत घोषित किया था. स्वजन का आरोप था कि सीने में दर्द की बात डाक्टर ने कही व मौत के बाद हाथ में वीगो लगाया. पुलिसकर्मियों के हिसाब से उन्होंने काम किया. हत्या के मुकदमे में अज्ञात ड्यूटीरत डाक्टर की संदिग्ध भूमिका की बात कह नामजद किया गया था. इसके बाद से वह ड्यूटी पर नहीं आए हैं. इमरजेंसी ड्यूटी से बुधवार को उनको विरत कर दिया गया था और वह अस्पताल भी नहीं आए हैं. एक सहयोगी के माध्यम से डाक्टर ने एक सप्ताह अवकाश के लिए प्रार्थना पत्र भेजा. प्रभारी सीएमएस डा. मनोज निगम ने छुट्टी नहीं दी.