बिकरू कांड में आया पहला फैसला, श्यामू बाजपेई को 5 साल की सजा

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ABC NEWS: ( भूपेंद्र तिवारी ) कानपुर के बहुचर्चित बिकरू कांड के 44 आरोपियों में से एक आरोपी को बिकरू कांड से जुड़े एक अन्य मामले में कानपुर देहात कोर्ट ने सजा सुनाया है. कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील व साक्ष्यों के आधार पर आरोपी को 5 साल की सजा के साथ 5 हजार का जुर्माना भी लगाया है. अब माना जा रहा है कि जल्द ही कोर्ट बिकरू कांड को लेकर भी बड़ा फैसला सुना सकती है.

बिकरू कांड से जुड़े एक मामले में सजा पाने वाले श्यामू बाजपेयी ने विकास दुबे के मामा प्रेमकुमार की छत से मोर्चा संभाला था और वहीं से पुलिसकर्मियों पर गोली बरसाईं थी. प्रेम कुमार के घर के आंगन में ही तत्कालीन सीओ बिल्हौर देवेंद्र कुमार मिश्रा की निर्मम तरीके से हत्या हुई थी. पुलिस ने अदालत में जो चार्जशीट दायर की थी, उसके मुताबिक बिकरू गांव में विकास दुबे के घर सामने पहुंचते ही पुलिस टीम पर गोलीबारी शुरू हो गई.

विकास दुबे जोर-जोर से चिल्ला रहा था कि पुलिस वालों की यहां आने की हिम्मत कैसे हुई. विकास दुबे के घर के सामने राजाराम उर्फ प्रेम कुमार पांडेय की छत से प्रेम कुमार और उसके साथी श्यामू बाजपेयी ने मोर्चा संभाला. इनके अलावा साथ में छोटू शुक्ला निवासी कंजती, जेसीबी चालक मोनू, जहान सिंह यादव छत पर मौजूद थे. वहीं, दूसरी ओर प्रेम कुमार के घर से पीछे अतुल दुबे के घर से अतुल दुबे, दयाशंकर अग्निहोत्री, शशिकांत पांडेय, शिव तिवारी और विष्णुपाल यादव गोलीबारी कर रहे थे. प्रेम कुमार के आंगन में ही सीओ देवेंद्र कुमार मिश्रा बलिदान हुए थे। हत्या में श्यामू बाजपेयी के साथ सभी अभियुक्त शामिल थे.

2020 से जेल में बंद हैं श्यामू बाजपेई

उसके बाद से उसे जेल भेज दिया था. अब कानपुर देहात की स्पेशल कोर्ट (एंटी डकैती) ने श्यामू को दोषी मानते हुए 5 साल सश्रम कैद की सजा सुनाई है. 5 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया गया है. तीन साल से वह जेल में बंद है. अब उसे दो साल और जेल में रहना पड़ेगा.

डिप्टी एसपी देवेंद्र मिश्रा की पत्नी बोलीं- आरोपियों को फांसी जैसी सख्त सजा मिलनी चाहिए

सजा सुनाए जाने के बाद ही बिकरू कांड में शहीद हुए डिप्टी एसपी देवेंद्र मिश्रा की पत्नी ने कहा, “आठ पुलिस वालों का परिवार उजड़ गया. पुलिस को अपराधियों ने खुली चुनौती दी थी। कोर्ट को इन्हें आजीवन कारावास या फांसी जैसी सख्त सजा देनी चाहिए. जिससे कि फिर कोई बिकरू कांड दोहराने की हिम्मत नहीं जुटा सके.

फरेंसिक रिपोर्ट ने सजा तक पहुंचाया

कानपुर देहात जिले के सरकारी वकील राजू पोरवाल ने बताया कि फरेंसिक टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच की थी. अस्पताल में भी श्यामू के हाथ से नाइट्राइट के कणों के नमूने लिए गए थे. फायर करते ही बुलेट से सोडियम नाइट्रेट निकलता है. हवा के संपर्क में आते ही सोडियम नाइट्रेट तुरंत नाइट्राइट में बदल जाता है. फायर करने वाले के हाथ पर भी 72 घंटे तक नाइट्राइट के कण मिलते हैं.

श्यामू के केस में नाइट्राइट की रिकवरी की रिपोर्ट को स्पेशल कोर्ट ने पुख्ता आधार माना. वहां मौजूद पुलिसवालों के बयान भी हुए। कोर्ट ने हत्या के प्रयास (धारा-307) में दोषी श्यामू को 5 साल सश्रम कैद की सजा सुनाई. 5 हजार रुपये जुर्माना नहीं चुकाने पर 3 महीने अतिरिक्त जेल में काटने होंगे.

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