ABC NEWS: कानपुर देहात में बरौर थाना क्षेत्र के कैलई गांव फौजी पवन शंकर का शव पहुंचने पर कोहराम मच गया. फौजी पवन शंकर के पिता प्रेमशंकर ने बिलखते हुए पत्नी मुन्नी देवी से कहा कि लाल को आज देख लेव अब नाही मिलिहें. यह सुनकर मौजूद लोगों की आंखों से अस्रु बह चले. रिमझिम बारिश होती रही। सेना के नायब सुबेदार शंकर सिंह के निर्देशन में सैनिकों ने सलामी दी. फौजी की बड़ी पुत्री आठ वर्षीय प्रनि ने परिजन के सहयोग से मुखाग्नि दी.
मौके पर मौजूद भारी तादात में लोग रो पड़े. फौजी पवन शंकर का शव अंबाला से अकबरपुर जिला मुख्यालय लाया गया. जहां से कानपुर से आई सेना की टुकड़ी शनिवार की सुबह शव लेकर गांव पहुंची. जहां बारिश के बीच लोगों की भीड़ जुटी रही. शव को जैसे ही सेना के जवानों ने वाहन से उतारा वैसे ही परिजन बिलखने लगे.
फौजी पवन शंकर के पिता प्रेमशंकर ने बिलखते हुए पत्नी मुन्नी देवी से कहा कि लाल को आज देख लेव अब नाही मिलिहें. यह सुनकर मौजूद लोगों की आंखों से अस्रु बह चले. रिमझिम बारिश होती रही। सेना के नायब सुबेदार शंकर सिंह के निर्देशन में सैनिकों ने सलामी दी. नायब सुबेदार ने पवन शंकर के पिता प्रेमशंकर को तिरंगा सौंपा.
कैबिनेट मंत्री राकेश सचान ने दी श्रद्धांजलि
पत्नी रागिनी के मोबाइल पर मैसेज आया था कि मैने आपके पति को खुदा के पास भेज दिया है. मौके पर एसडीएम राजकुमार चौधरी, तहसीलदार सुनील कुमार, नायब तहसीलदार मनीष द्विवेदी और पुलिस बल मौजूद रहा. वहीं, कैबिनेट मंत्री राकेश सचान ने पहुंच कर फौजी पवन शंकर के परिजनों को सांत्वना दी.
सपा नेताओं का प्रतिनिधि मंडल भी पहुंचा
हर संभव सहयोग का भरोसा दिया. वहीं सपा का प्रतिनिधि मंडल विधायक मुकेश निषाद के साथ पहुंचा. उन्होंने परिवार को सांत्वना दी। फौजी पवन शंकर का शव कैलई आने के बाद सपा नेताओं का प्रतिनिधि मंडल पहुंचा. इसमें विधायक मुकेश निषाद के साथ नरेंद्रपाल सिंह मनु, जिलाध्यक्ष अरुण सिंह बब्लू सहित पदाधिकारी पहुंचे.
खेत में ही अंतिम संस्कार किया
नायब तहसीलदार ने बताया कि अंतिम संस्कार खलिहान में कुछ लोग करना चाह रहे थे. उसके एवज में ग्राम समाज की जगह चिहिंत कर दे दी गई थी लेकिन परिजन अपनी ही जमीन पर अंतिम संस्कार किए जाने की इच्छा जताने लगे. खेत में ही अंतिम संस्कार किया.