नामीबिया से आये चीतों की ‘हिफाजत’ हाथियों के जिम्मे, बाड़े में घुसे बाघ-तेंदुओं को खदेड़ रहे

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ABC NEWS: नामीबिया से बीते शनिवार को लाए गए 8 चीतों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन पर श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा था. इन नए मेहमानों की सुरक्षा के लिए पार्क प्रबंधन ने सुरक्षा के तमाम इंतजाम किए हैं. अब नर्मदापुरम के सतपुड़ा टाइगर रिजर्व क्षेत्र के दो हाथियों की सेवाएं भी इस समय कूनो पार्क में ली जा रही हैं.

बता दें कि हाथी लक्ष्मी और सिद्धनाथ अपने अनुभव के कारण पिछले माह पार्क में लाए गए थे. इन हाथियों ने चीतों की आमद से पहले उनके लिए बने विशेष बाड़े में घुसे 5 में से 4 तेंदुओं को भगाने में चलाए गए रेस्क्यू ऑपरेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. अब दोनों हाथी पार्क में पहुंचे चीतों की मॉनिटरिंग के साथ ही सुरक्षा दलों के साथ दिन रात पेट्रोलिंग कर रहे हैं.

नामीबिया से कूनो पहुंचे चीतों को एक माह तक का क्वारंटाइन समय विशेष बाड़े में काटना है. इन बाड़ों में मौजूद चीतों पर सिद्धनाथ और लक्ष्मी निगरानी कर रहे हैं. बाड़े के अंदर या आसपास कोई अन्य वन्यप्राणी न आए, इसके लिए सिद्धनाथ और लक्ष्मी लगातार वन अमले के साथ गश्त भी कर रहे हैं.

दो महावतों को मार चुका है गुस्सैल स्वभाव का सिद्धनाथ

कूनो नेशनल पार्क के डीएफओ प्रकाश कुमार वर्मा ने बताया कि कूनो पार्क में ड्यूटी पर तैनात 30 साल के सिद्धनाथ की पहचान पूरे प्रदेश में बाघों के रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए होती है. हाथी सिद्धनाथ बेहद गुस्सैल स्वभाव का भी है. वह साल 2010 में दो महावतों को मार चुका है.

सिद्धनाथ ने जनवरी 2021 में एक आदमखोर बाघ को काबू करने में अहम भूमिका निभाई थी. वहीं, 25 वर्षीय हथिनी लक्ष्मी बेहद शांत स्वभाव की है, लेकिन अपने काम में माहिर है. जंगल सफारी, रेस्क्यू ऑपरेशन या जंगल की गश्त के काम में लक्ष्मी को महारथ हासिल है.

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