ABC NEWS: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार का बजट (UP Budget 2023) वित्तमंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कैबिनेट में मंजूरी के बाद विधानसभा में पेश किया. यूपी का ये बजट में गांवों और शहरों में बिजली उपल्बध कराने को लेकर बड़ा ऐलान किया गया है.
आपको बता दें कि वर्तमान में जिला मुख्यालय पर 24 घण्टे तहसील मुख्यालय पर 20 से 22 घण्टे और गांवों को 18 से 20 घण्टे बिजली दिए जाने का रोस्टर निर्धारित है. वहीं, एक अप्रैल साल 2017 से पूर्व ग्रामीण क्षेत्र में 14:38 घण्टे तहसील क्षेत्र में 16:58 घण्टे तथा शहरी क्षेत्र में 21:08 घण्टे आपूर्ति के सापेक्ष वर्ष 2022-23 में माह अप्रैल, 2022 से अक्टूबर 2022 तक औसतन ग्रामीण क्षेत्र में 17:26 घण्टे, तहसील क्षेत्र में 20:52 घण्टे तथा शहरी क्षेत्र में 23:26 घण्टे आपूर्ति की गई है.
वहीं, साल 2017-18 से कुल 1,21,324 मजरे विद्युतीकृत किए जा चुके हैं. इसके अलावा प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना सौभाग्य योजना के तहत गरीब परिवारों को निशुल्क और अन्य ग्रामीण परिवारों को 50 रूपये की 10 मासिक किश्तों में बिजली कनेक्शन देने की सुविधा दी गई है. इस योजना में 62.18 लाख इच्छुक घरों को विद्युत संयोजन निर्गत किए जा चुके है.
वहीं, कृषि कार्यों हेतु समुचित रूप से विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कराने के लिए 11 केवी कृषि एवं गैर कृषि ग्रामीण फीडरों के पृथकीकरण योजना के अन्तर्गत लक्षित 2,227 नग फीडरों का पृथकीकरण पूर्ण कर लिया गया है. इसके अलावा प्रदेश में स्थापित होने वाली तापीय उत्पादन परियोजनाओं यथा घाटमपुर, ओबरा ‘सी’ व जवाहरपुर से ऊर्जा निकासी हेतु लगभग 7076.37 करोड़ रूपये की पारेषण परियोजनाओं का निर्माण पीपीपी मॉडल से कराया जा रहा है. इनमें से लगभग 4081.23 करोड़ रूपये की परियोजनायें पूर्ण कर ली गयी है. शेष निर्माणाधीन हैं. उन्हें पूरा करने के लिए खास प्रावधान किया गया है.
आपको बता दें कि साल 2019-2020 में औसतन उत्पादन उपलब्धता 3766 मेगावाट प्रतिदिन, वर्ष 2020-2021 में औसत उत्पादन उपलब्धता 3816 मेगावाट प्रतिदिन तथा वर्ष 2021-2022 में औसतन उत्पादन उपलब्धता 3998 मेगावाट प्रतिदिन मिलेगी. 2×660 मेगावाट जवाहरपुर तापीय परियोजना 2×660 मेगावाट ओबरा सी तापीय विस्तार परियोजना एवं 1X660 मेगावाट पनकी तापीय परियोजना का आगामी वित्तीय वर्ष 2023-24 में पूर्ण होना एवं उत्पादन कार्य प्रारम्भ होना लक्ष्य रखा गया है. इसके अलावा पारेषण तंत्र की क्षमता जो कि वित्तीय वर्ष 2016-2017 में 16,348 मेगावाट थी. वर्ष 2021-2022 में 28,000 मेगावॉट तक किया गया, जिसे वित्तीय वर्ष 2022 2023 तक बढ़ाकर 30,806 मेगावॉट तक किया जाना लक्षित है.
आपको बता दें कि वित्तीय वर्ष 2022-2023 में निजी नलकूप उपभोक्ताओं के विद्युत बिलों में 50 प्रतिशत की छूट प्रदान की गयी थी. इसे लोक कल्याण संकल्प पत्र में की गई. घोषणा के अनुरूप वित्तीय वर्ष 2023- 2024 में बढ़ाकर 100 प्रतिशत कर दिया गया है. इसके लिए 1500 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. इसके अलावा बुन्देलखण्ड में स्थापित की जाने वाली सौर ऊर्जा परियोजनाओं से विद्युत निकासी के लिये केंद्र सरकार तथा जर्मनी की संस्था KfW की सहायता से ग्रीन इनर्जी कॉरीडोर- ॥ परियोजना के अन्तर्गत पारेषण तंत्र के निर्माण हेतु 1554 करोड रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. इस परियोजना को 03 वर्षो में पूर्ण किया जाना लक्षित है. विद्युत वितरण क्षेत्र की कुशलता एवं क्षमता वृद्धि हेतु केन्द्र सरकार की सहायता से रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम प्रारम्भ की गयी है जिसके लिए 6500 करोड़ की व्यवस्था प्रस्तावित है.
विद्युत प्रकाश और शक्ति का स्रोत है. यह वह शक्ति है जिसके अभाव में नगर अंधकारमय और समाज गतिशून्य हो सकता है. इसलिए हमारी सरकार ने ऊर्जा और अतिरिक्त ऊर्जा पर विशेष ध्यान दिया है. हम यह कहना चाहते हैं कि-
इस चमन को कभी सहरा नहीं होने दूंगा
मर मिदूँगा मगर ऐसा नहीं होने दूंगा
जब तलक भी मेरी पलकों पे दिये हैं रोशन
अपनी नगरी में अंधेरा नहीं होने दूंगा.