ABC News: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 मामले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है. आबकारी नीति मामले में कथित भ्रष्टाचार को लेकर सीबीआई पहले ही मनीष सिसोदिया समेत 15 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर चुकी है. सीबीआई ने इस मामले को लेकर सिसोदिया के दिल्ली स्थित आवास सहित 31 जगहों पर छापेमारी भी की थी.
मनीष सिसोदिया के खिलाफ ईडी के द्वारा केस दर्ज करने पर आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि, “ये तो होना ही था. मनीष जी को वो धमकी देकर गए थे कि अगर बीजेपी में नहीं आओगे तो ईडी का केस भी बनेगा और जेल भी जाओगे. मनीष सिसोदिया जेल जाने को तैयार हैं, लेकिन झुकने को तैयार नहीं.” इस मामले में सीबीआई आठ लोगों के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर भी जारी कर चुकी है. सीबीआई की छापेमारी के बाद मनीष सिसोदिया ने दावा किया था कि उनके खिलाफ ये झूठा मामला है. उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते कहा था कि, ‘ये सभी झूठे मामले हैं. मैं एक ईमानदार आदमी हूं. वास्तव में, मैं अरविंद केजरीवाल टीम के साथ हूं इसलिए ये सब किया जा रहा है. इनका निशाना है अरविंद केजरीवाल है.” पमुख्यमंत्री सिसोदिया ने बीजेपी को लेकर सनसनीखेज दावा भी किया था. उन्होंने कहा कि, “उन्हें बीजेपी द्वारा मुख्यमंत्री पद की पेशकश की गई थी और कहा गया था कि अगर उन्होंने आम आदमी पार्टी छोड़ दी और बीदेपी में शामिल हो गए तो सभी मामलों को बंद कर दिया जाएगा.” हालांकि बीजेपी ने मनीष सिसोदिया के इस दावे का खंडन किया है और उनसे सबूत पेश करने के लिए कहा है. इस मामले को लेकर मनीष सिसोदिया अपनी जल्द गिरफ्तारी होने की बात भी कह चुके हैं. उन्होंने कहा था कि, “सत्येंद्र जैन पहले से जेल में हैं. 2-3 दिन में मैं भी गिरफ्तार हो जाऊंगा. ये शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम रोकने की साजिश है.” इस मामले को लेकर बीजेपी जहां आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रही है तो वहीं आप ने केंद्र सरकार पर राजनीतिक बदले की भावना से साजिश करने का आरोप लगाया है.