मैनपुरी जीतकर विरासत तो बचा गई डिंपल लेकिन नहीं तोड़ सकीं लालू के दामाद तेज प्रताप का रिकॉर्ड

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ABC NEWS: सपा की विरासत की जाने वाली मैनपुरी लोकसभा सीट पर को डिंपल यादव ने बचा लिया है. मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद खाली हुई इस सीट पर डिंपल यादव ने रिकॉर्ड जीत हासिल की है. डिंपल यादव ने प्रतिद्वंदी भाजपा के रघुराज शाक्य को दो लाख 88 हजार से ज्यादा वोटों से परास्त कर दिया है. डिंपल की इस जीत ने 2019 में नेता जी मुलायम सिंह यादव के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया है. 2019 के आम चुनाव में मैनपुरी से मुलायम सिंह यादव ने जीत दर्ज की थी. उस समय मुलायम को 524926 वोट मिले थे. वहीं भाजपा के प्रेम सिंह शाक्य को 430537 वोट हासिल किए थे.

मुलायम ने प्रतिद्वंदी प्रेम सिंह शाक्य को 94389 वोटों से हराया था. डिंपल यादव ने नेता जी के इस रिकॉर्ड को तोड़ दिया है. डिंपल मैनपुरी में की पांचों विधानसभा क्षेत्र में 618120 वोट मिले हैं. मैनपुरी की पांच विधानसभा सीटों करहल, जसवंतनगर, किशनी, कठेरिया, भोगांव पर भी डिंपल ने रिकॉर्ड मत हासिल किए हैं. डिंपल यादव को सबसे ज्यादा वोट जसवंतनगर से मिले हैं. जसवंतनगर शिवपाल सिंह यादव की विधानसभा है जबकि करहल अखिलेश यादव की. राजनीतिक इतिहास पर नजर डालें तो सपा का एक रिकॉर्ड ऐसा भी जिसे अभी तक कोई नहीं तोड़ पाया है.

मैनपुरी उपचुनाव में में डिंपल की भारी मतों से हुई जीत भी इस रिकॉर्ड को नहीं छू पाई है. दरअसल 2014 के उपुचनाव में लालू प्रसाद यादव के दामाद तेज प्रताप यादव ने मैनपुरी से सपा की टिकट पर दांव आजमाया था. उस समय तेज प्रताप सिंह यादव को 653786 वोट मिले थे जबकि प्रतिद्वंदी प्रेम सिंह शाक्य को 3,32537 वोट मिले थे. तेज प्रताप सिंह यादव ने प्रेम सिंह को 3,21248 वोटों से हराया था जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है.

मैनपुरी में सपा से कब किसने लड़ा चुनाव

1996 के आम चुनावों में मैनपुरी से मुलायम सिंह यादव ने दांव आजमाया था. उस समय उनको 273303 वोट मिले थे, जबकि प्रतिद्वंदी उपदेश सिंह चौहान को 221345 वोट मिले थे. 2004 में मुलायम सिंह ने फिर इस सीट से चुनाव लड़ा. उस समय नेता जी को 460470 वोट मिले थे, जबकि बसपा के अशोक शाक्य को 122600 वोट मिले थे. इसी साल मुलायम ने इस सीट से इस्तीफा दे दिया था. उसके बाद यहां उपचुनाव हुए। 2004 के उपचुनाव में सपा के धर्मेंद्र यादव ने यहां सपा की टिकट पर चुनाव लड़ा. उनको 348999 वोट मिले और विजयी भी हुए. जबकि बसपा के अशोक शाक्य को 169286 वोट मिले थे. भाजपा उस समय यहां तीसरे नंबर पर रही थी.

2009 के आम चुनाव में सपा के मुलायम सिंह यादव ने फिर दांव आजमाया और 3923008 वोट पाकर विजयी हुए. दूसरे नंबर के विनय शाक्य को 219239 वोटों पर संतोष करना पड़ा था. 2014 में भी मुलायम सिंह यादव ने इस सीट से चुनाव लड़ा था। उस समय को मुलायम पांच लाख 95 हजार 918 वोट मिले थे. दूसरे नंबर पर रहे भाजपा के शत्रुघ्न सिंह चौहान को 231252 वोटों से ही संतोष करना पड़ा था. कुछ दिन बाद यहां उपचुनाव हो गए, जिसमें तेजप्रताप यादव ने दांव आजमाया था. तेज प्रताप ने प्रेम सिंह शाक्य को हराकर 653786 वोट पाए थे. 2019 के आम चुनाव में मुलायम सिंह यादव को 524926 वोट मिले. वहीं भाजपा के प्रेम सिंह शाक्य को 430537 वोट हासिल हुए थे.

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