ABC NEWS: खेती-किसानी में नई-नई तकनीकें आ चुकी हैं. इन तकनीकों की मदद से किसान अपनी उपज बढ़ा रहे हैं. केले और टमाटर की बढ़िया करने के चलते पदम श्री पुरस्कार पा चुके किसान बाराबंकी के किसान रामशरण शर्मा आलू की खेती से बढ़िया मुनाफा कमा रहे हैं.
इस तकनीक से कर रहे हैं आलू की खेती
किसान रामशरण शर्मा अपने खेतों में 56 इंच की मेड़ बना उसपर आलू का उत्पादन कर रहे हैं. वह एक एकड़ में 150 क्विंटल से ज्यादा का उत्पादन कर रहे हैं. सामान्य तौर पर किसान क्यारियों में आलू की बुवाई कर नालियां बना रहे हैं. एक क्यारी में सिर्फ एक ही बीज पड़ता है. उसकी मोटाई तकरीबन 12 से 14 इंच रहती है. ऐसे में आलू की उपज के लिए जगह नहीं मिल पाती है. एक एकड़ में सिर्फ 100 से 120 क्विंटल आलू का उत्पादन होता है.
150 क्विंटल से ज्यादा आलू का उत्पादन
आलू की खेती से ज्यादा उत्पादन हासिल करने के लिए बाराबंकी के दौलतपुर के किसान रामशरण शर्मा ने मेड़ बनाकर आलू की दो लाइनों में बुवाई की. मेड़ की चौड़ाई 56 इंच है. मेड़ की मोटाई ज्यादा होने से आलू को विकास करने की पर्याप्त जगह मिल पा रही है. इससे उन्हें एक एकड़ से 150 क्विंटल से अधिक आलू का उत्पादन हासिल हो रहा है.
पानी की भी हो रही है बचत
रामशरण के मुताबिक मेड़ बनाने से नालियों की संख्या घटी है. इससे 30 प्रतिशत तक पानी की बचत हो रही है. वहीं, 40 से 45 प्रतिशत ज्यादा आलू की उपज हासिल हो रही है. इसके अलावा रामशरण अपने खेतों में रासायनिक खादों के इस्तेमाल में काफी कमी लाई है. इससे खेती में उनकी लागत में कमी तो आ ही रही है. साथ ही उपज ज्यादा होने के चलते उनका मुनाफा भी कई गुना ज्यादा बढ़ गया.