विधानसभा में CRPC संशोधन विधेयक पेश, गंभीर महिला अपराधों में नहीं होगी अग्रिम जमानत

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ABC News: उत्तर प्रदेश विधानसभा में गुरुवार को मानसून सत्र के दौरान महिला विधायकों के लिए खास दिन है. इस दिन केवल महिला विधायक केवल महिला विधायक ही अपनी बातों को रखेंगी. इसकी घोषणा विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने बीते दिनों तक दी थी. इस दौरान गुरुवार को विधानसभा में यूपी सरकार के ओर से सीआरपीसी संशोधन विधेयक पेश किया गया.

विधानसभा में मानसून सत्र के दौरान गुरुवार का दिन यूपी में महिलाओं के लिए खास रहा है. यूपी सरकार ने सदन में सीआरपीसी संशोधन विधेयक पेश किया है. जिसके बाद अब गंभीर महिला अपराधों में अग्रिम जमानत नहीं मिलेगी. सरकार ने गंभीर अपराधों में जमानत के प्रावधान खत्म कर दिए हैं. बीते दिनों महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध के बाद सरकार के इस कदम को बड़े एक्शन के तौर पर देखा जा रहा है. यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार के ओर से विधानसभा में सीआरपीसी संशोधन विधेयक के अलावा दो और विधेयक विधानसभा में पेश किए गए. अग्रिम जमानत नहीं मिलने के अलावा विधेयक में कुछ मामलों में सजा बढ़ाने का भी प्रस्ताव है. इस दौरान यूपी लोकपाल निजी संपत्ति क्षति वसूली संशोधन विधेयक भी पेश हुआ है. यूपी विधानसभा में गुरुवार को केवल महिला विधायक अपनी बातों को रख रही हैं. इस दौरान महिला विधायकों को कम से कम तीन मीनट का समय दिया जा रहा है.

इस बारे में जानकारी देते हुए विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने था, “22 सितंबर का दिन केवल राज्य की महिला विधायकों के लिए आरक्षित रहेगा. इस दिन केवल महिला सदस्यों को बोलने का मौका दिया जाएगा.” सदन में गुरुवार को 53 महिला विधायकों को अपनी बात रखने का मौका दिया गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमें बेहद प्रसन्नता है कि आज सदन में आज सभी लोग नारी शक्ति को देख रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी महिला जनप्रतिनिधियों को मेरी बधाई. सभी सदस्यों को उत्तर प्रदेश के एतिहासिक दिन की बधाई. आज का बहुत ही विशेष है. आज सदन का दिन महिलाओं के नाम है.

सीएम योगी आदित्यनाथ ने राज्य में महिलाओं के लिए सरकार के प्रयासों से अवगत कराया. जबकि अखिलेश यादव ने महिला अपराध के खिलाफ सख्त एक्शन की मांग की. इस दिन को खास बनाने के लिए 150 महिलाओं को विधान भवन में आमंत्रित किया गया.  इन महिला विधायकों को सुनने के लिए विधानसभा अध्यक्ष सतीश माहाना ने केजीएमयू से महिला डाक्टर, एकेटीयू से महिला शिक्षक तथा प्रदेश के विधि विश्वविद्यालयों से कानून की पढ़ाई करने वाली महिलाओं को सदन में आमंत्रित किया है. इन सभी महिलाओं को विधानसभा मंडप की चार दर्शक की दीर्घाओं में बैठाया गया है.

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