ABC NEWS: ( भूपेंद्र तिवारी ) कांग्रेस ने प्रदेश सचिव विकास अवस्थी की पत्नी व महिला कांग्रेस की महासचिव आशनी अवस्थी को महापौर पद का उम्मीदवार बनाकर बड़ा दांव चला है. अब देखने की बात यह होगी कि अन्य दल इसकी काट के लिए कौन सा पत्ता चलते है.
कार्यकर्ता पर जताया भरोसा
इस बार कानपुर में कांग्रेस ने आम कार्यकर्ता पर भरोसा जताया है. हालांकि कि टिकट की दौड़ में सबसे आगे DPS स्कूल के ओनर आलोक मिश्रा की पत्नी वंदना मिश्रा का नाम चल रहा था लेकिन कांग्रेस ने इस बार चौंकाने वाले नाम पर घोषणा कर दी. वंदना मिश्रा को वर्ष-2017 के निकाय चुनाव में कांग्रेस ने मेयर पद का प्रत्याशी घोषित किया था.
कांग्रेस के लिए आसान नहीं जीत की राह
कांग्रेस के लिए मेयर पद पर जीत की राह आसान नहीं होने वाली है. कानपुर में वर्ष-2000 में कांग्रेस से अनिल शर्मा मेयर बने थे. इसके बाद से मेयर पद के लिए कांग्रेस के लिए सूखा ही साबित हो रहा है. वर्ष-2006 से लगातार मेयर पद की सीट भाजपा के पास ही है. साल 2006 में बीजेपी के रवींद्र पाटनी ने जीत दर्ज की थी. इसके बाद साल 2012 में जगतवीर सिंह द्रोण मेयर बने थे. वहीं 2017 के निकाय चुनाव में ब्राह्मण समाज से प्रमिला पांडेय ने जीत दर्ज की थी.
कांग्रेस में गुटबाजी हावी
मौजूदा समय में कांग्रेस में गुटबाजी अपने चरम पर है. इसी गुटबाजी का खामियाजा प्रत्याशियों को अपनी हार के रूप में चुकाना पड़ जाता है. कानपुर में कांग्रेस का जनाधार भी लगातार गिर रहा है. मेयर पद की प्रत्याशी आशनी को अपने पक्ष में वोट पाने के लिए लोगों में पार्टी के प्रति विश्वास भी जगाना पड़ेगा.