ABC News: राम मंदिर आंदोलन से जुड़े और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने शुक्रवार को अयोध्या में मंदिर निर्माण से जुड़ी जानकारी मीडिया को दी. उन्होंने कहा कि राम मंदिर निर्माण की प्रगति संतोषजनक है. निर्माण कार्य तय समय में पूरा हो जाएगा.
उन्होंने गर्भगृह के निर्माण के बारे में जानकारी दी. तय समय सीमा के अनुसार 2023 तक मंदिर भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा. चंपत राय ने कहा कि मंदिर निर्माण की गति संतोषजनक है. लखनऊ की ओर से आप जब अयोध्या में आएंगे तो जिले की सीमा पर रामद्वार से आपको प्रवेश मिलेगा. इसी तरह अयोध्या आने वाले हर हाईवे पर आउटर में छह गेट बनाए जा रहे हैं. जिनके नाम तय कर दिए गए हैं. साथ ही इन गेटों के लिए जमीन के बैनामे भी शुरू हो गए हैं. प्रदेश सरकार अयोध्या को भव्यता प्रदान करने के लिए जो प्रयास कर रही है. यह गेट भी इसी कड़ी का हिस्सा हैं. सभी गेटों के नाम रामायणकालीन चर्चित पात्रों के नाम पर रखे गए हैं. ताकि शहर में प्रवेश के समय ही यहां के धार्मिक वैभव का अहसास होने लगे. उन्होंने कहा कि विद्वानों का विचार है कि राम लला की मूर्ति खड़ी होनी चाहिए. ये लगभग 5.5 फीट का होगा. राम के जीवन के 100 प्रसंग पत्थरों में उभारे जाएंगे. चारो ओर बनने वाले परकोटा की खुदाई शुरू हो गई है.चार कोने पर चार मंदिर होंगे. बताया कि पिलर, बीम के ऊपर छत का काम लगभग अक्टूबर में खत्म हो जाएगा. 2023 में ग्राउंड फ्लोर का काम हो जाएगा. खंभों और दीवारों पर करीब 7000 मूर्तियां बननी है उसके लिए मूर्तिकार ढूंढने का काम किया जा रहा है. एडीएम प्रशासन अमित कुमार सिंह ने बताया कि गेट के पास पार्किंग से लेकर जनसुविधाओं का इंतजाम भविष्य को देखते हुए कराया जाएगा. यह काम विकास प्राधिकरण और पर्यटन विभाग मिलकर कर रहा है.
गेट पर होंगी यह सुविधाएं
– प्रवेश द्वार के लिए अधिग्रहीत की जा रही पांच हेक्टेयर जमीन
– हाईवे के दोनों ओर बनाई जाएगी पार्किंग
– टॉयलेट से लेकर पेयजल तक का होगा इंतजाम
यह होंगे गेटों के नाम
– श्रीरामद्वार – लखनऊ हाईवे
– हनुमानद्वार – गोरखपुर हाईवे
– भरतद्वार – प्रयागराज हाईवे
– जटायु द्वार – अंबेडकर नगर हाईवे
– गरुण द्वार – रायबरेली हाईवे
– लक्ष्मण द्वार – गोंडा हाईवे