ABC NEWS: आम आदमी के लिए पुलिस को लेकर हमेशा एक समस्या रहती है कि पुलिस उनकी एफआईआर दर्ज नहीं करती. हालांकि, कानपुर के एक मामले ने सबको हैरान कर दिया है. इस मामले में पुलिस को अपने ही कारनामे की वजह से कोर्ट तक जाना पड़ा. मामला इतना बढ़ गया कि इसमें पुलिस कमिश्नर आर.के. स्वर्णकार को भी दखल देना पड़ा और उनके निर्देश पर कानपुर पुलिस के एक अधिकारी के खिलाफ इस मामले में केस तक दर्ज हो गया.
क्या है मामला?
कानपुर के रहने वाले वकील रविकांत उत्तम 1 अगस्त 2023 को कोर्ट से अपने घर जा रहे थे. इस दौरान उनकी कार रास्ते में पीएसी मोड़ के पास खराब हो गई. वो कार को ठीक करवाने के लिए कंपनी के ऑफिस गए, लेकिन जब वापस आए तो कार गायब मिली. अगले दिन जब रविकांत को मोबाइल पर टोल टैक्स का मैसेज आया, तो पता चला कि कार हरियाणा के पानीपत में है.
हाईकोर्ट ने कानपुर पुलिस कमिश्नर को किया तलब
रविकांत इसकी शिकायत के लिए पुलिस के पास पहुंचे. हालांकि, उनकी एफआईआर दर्ज नहीं की गई. इसके बाद उन्होंने पुलिस के रवैये को लेकर कोर्ट में अर्जी लगाई. कोर्ट ने 2 सितंबर को धारा 156(3) के तहत कैंट थानाध्यक्ष को मुकदमा लिखने का आदेश दिया, लेकिन कैंट इंस्पेक्टर अजय सिंह ने कोर्ट के इस आदेश का भी पालन नहीं किया.
मुकदमा दर्ज ना होने पर रविकांत ने हाईकोर्ट में अपील की. उनकी अपील पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 7 सितंबर को थानाध्यक्ष अजय सिंह और पुलिस कमिश्नर आर.के. स्वर्णकार को व्यक्तिगत रूप से तलब कर लिया.
इंस्पेक्टर पर केस दर्ज
कोर्ट में पेश होने से पहले पुलिस कमिश्नर के आदेश पर इंस्पेक्टर अजय सिंह के खिलाफ आनन-फानन में काम में लापरवाही बरतने की धारा 166A के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.