ABC News: शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन के विदेश मंत्रियों की मीटिंग में भाग लेने के लिए पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो गोवा पहुंच गए हैं. ये किसी पाकिस्तानी विदेश मंत्री का 12 साल बाद पहला भारत का दौरा है. इससे पहले 2011 में पाकिस्तानी विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार भारत दौरे पर आई थीं.
शंघाई सहयोग संगठन में शामिल होने के लिए गुरुवार सुबह 11 बजे के बाद बिलावल भुट्टो भारत के लिए रवाना हुए थे. उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि मैं शंघाई सहयोग संगठन में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करूंगा. बिलावल ने कहा कि इस बैठक में भाग लेने का मेरा निर्णय एससीओ के चार्टर के प्रति पाकिस्तान की मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है. मैं मित्र देशों के अपने समकक्षों के साथ रचनात्मक चर्चा के लिए तत्पर हूं. बिलावल भुट्टो पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनरजीर भुट्टो और पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के बेटे हैं. बिलावल 2007 से पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के चेयरमैन हैं. वे 2012 में ऑक्सफोर्ड से ग्रेजुएशन करके लौटे थे. इसके बाद वे पाकिस्तान की राजनीति में एक्टिव हो गए. अगस्त 2018 के आम चुनावों में बिलावल भुट्टो ने पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और पाकिस्तानी संसद के सदस्य बने. पाकिस्तानी विदेश मंत्री मंत्री के अलावा रूस और चीन के विदेश मंत्री भी गोवा पहुंचे हैं. भारतीय विदेश मंत्री जयशकंर रूस और चीन के विदेश मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे. रूस और चीन दोनों देशों के विदेश मंत्री इससे पहले मार्च में दिल्ली में आयोजित G20 देशों की मीटिंग में शामिल होने भारत आए थे. चीन और पाकिस्तान के विदेश मंत्री उन लोगों में शामिल हैं, जो व्यक्तिगत रूप से इस बैठक में शामिल होंगे. कहा जा रहा है कि दोनों मंत्री एससीओ सदस्यों के बीच आर्थिक सहयोग और क्षेत्रीय सुरक्षा समेत कई महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा करेंगे. लावरोव के अन्य एससीओ देशों के अपने समकक्षों के साथ भी द्विपक्षीय बैठकें करने की उम्मीद है.