ABC NEWS: प्रयागराज-लखनऊ रेलमार्ग स्थित लालगोपालगंज स्टेशन के निकट एक किसानी को रेलवे ट्रैक टूटा दिखा तो उसने गंगा गोमती एक्सप्रेस को रोकने के लिए अपने सिर पर बंधे गमछे को डंडे में बांध दिया. ट्रैक किनारे खड़े होकर उसने लाल गमछे को लहराया तो गंगा गोमती एक्सप्रेस का लोको पॉयलट समझ गया कि आगे कुछ अनहोनी हुई है. बिना विलंब किए उसने ट्रेन रोक दी. इस दौरान ट्रेन में बैठे तमाम यात्रियों और रेलकर्मियों ने किसान द्वारा दिखाई गई समझदारी की सराहना की.
प्रयागराज संगम स्टेशन से गंगा गोमती एक्सप्रेस शुक्रवार सुबह 5.40 बजे लखनऊ के लिए चली. प्रयाग जंक्शन, फाफामऊ रुकते हुए ट्रेन का अगला ठहराव लालगोपालगंज था. वहां स्टेशन के पहले पिलर नंबर 26/6 के पास किन्हीं कारणों से पटरी टूट गई थी. टूटी पटरी पर लालगोपालगंज के भोला का पूरा के रहने वाले बब्बू नाम के किसान की नजर पड़ी. बब्बू वहीं पास में ही अपने खेत पर धान देखने जा रहा था तभी उसने इंजन के हार्न की आवाज सुनी.
बिना देर दिए वह ट्रेन रोकने के लिए चिल्लाने लगा. उसने अपने सिर पर बंधा लाल गमछा खोला और हाथ में थामे हुए डंडे पर उसे बांध दिया. रेल ट्रैक पर लाल कपड़ा लहराता देख गंगा गोमती का लोको पॉयलट भी भांप गया कि आगे कुछ गड़बड़ है. उसने ब्रेक लगाकर ट्रेन रोक दी. बताया जा रहा है कि अगर वहां से ट्रेन तेज गति से गुजरती को हादसा हो सकता था.
किसान की इस समझदारी पर यात्रियों ने उसकी सराहना की. मौके पर रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग की टीम पहुंची। इस दौरान ट्रेन वहां तकरीबन 45 मिनट तक खड़ी रही. बाद में कॉशन लगाकर गंगा गोमती को आगे बढ़ाया गया. किसान बब्बू ने बताया कि उसने बचपन में लाल कपड़ा दिखाकर ट्रेन रोके जाने की कहानी पढ़ी थी. आज जब टूटी पटरी देखी तो उसे वहीं कहानी याद आ गई.
लखनऊ मंडल के एडीआरएम अश्विनी श्रीवास्तव ने बताया कि रेल ट्रैक पर फ्रैक्चर आना सामान्य प्रक्रिया है. रेलवे की टीम लगातार पटरियों की मॉनिटरिंग करती है. आज लालगोपालगंज के निकट पटरी के क्रैक होने की सूचना मिली, उसे दुरुस्त करवाया जा रहा है.