ABC News: रोटी हमारे खाने का बहुत ही अहम हिस्सा है. अगर थाली में रोटी ना हो तो मानो खाना अधूरा-अधूरा सा लगता है. वहीं कुछ लोगों की रोटी पकाने का भी तरीका अलग अलग है. कुछ लोग इसे तवे पर सेक कर खाते हैं तो कुछ इसे सेंकने के बजाए सीधे गैस की आंच पर सेकना प्रेफर करते हैं. इससे रोटी जल्दी और फूली फूली बन जाती है और समय की भी बचत होती है. लेकिन आपकी ये आदत आपको भारी पड़ सकती है. रोटी जैसे ही गैस की आंच के सीधे संपर्क में आती है, ये आपके लिए खतरनाक बन जाती है.इस आर्टिकल में आज हम जानेंगे कि इस तरह से रोटी पकाने से आपके सेहत को क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं.
जर्नल एंवॉयरमेंटल साइंस एंड टेक्नोलॉजी में हाल ही में पब्लिश हुई एक रिसर्च के मुताबिक गैस स्टोव ऐसे एयर पोल्यूटेंट का उत्सर्जन करते हैं जो सेहत के लिए खतरनाक है. WHO ने भी इस बात से सहमति जताई है. ये पोल्यूटेंट कार्बन मोनोऑक्साइड नाइट्रोजन डाइऑक्साइड है जो सांस और दिल की बीमारियों का खतरा पैदा करते हैं. इतना ही नहीं इससे कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है. वहीं न्यूट्रिशन एंड कैंसर जर्नल में प्रकाशित एक अन्य रिसर्च के मुताबिक तेज आंच पर खाना पकाने से कार्सिनोजेनिक पैदा हो सकते हैं जिन्हें शरीर के अंगों के लिए सही नहीं माना जाता है. आपको बता दें कि गेहूं के आटे में एक निश्चित स्तर की नेचुरल शुगर और प्रोटीन होता है जिससे अगर सीधी आज पर गर्म किया तो कार्सिनोजेनिक पैदा हो सकता है जो मानव शरीर के लिए बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है. हालांकि अभी इस को लेकर और भी रिसर्च होने की जरूरत है लेकिन अब तक के रिसर्च को देखा जाए तो सीधे गैस के संपर्क में रोटी सेक कर खाना सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है ऐसे में बेहतर यही है कि सेहत को देखते हुए ऐसी गलती ना करें.
तवे पर ऐसे बनाएं रोटी
पुराने जमाने में लोग रोटी को पकाते वक्त लोग तवे पर रखी रोटी को किसी सूती के कपड़े से दबाते और चारों तरफ घुमा-घुमा कर सेकते थे. इससे रोटी सभी तरफ से पक जाती है और इसे सीधे गैस की आंच पर भी नहीं रखना पड़ता है.ये रोटी सेंकने का सबसे सुरक्षित तरीका है.
कार्सिनोजेनिक क्या है
कार्सिनोजेनिक एक ऐसा पदार्थ और चीज़ है जो कैंसर का कारण बन सकती है, जीन को प्रभावित करके या सामान्य कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाती है ताकि कैंसर कोशिकाओं में बद जाएं.कैंसर स्वयं तब होता है जब एक कोशिका जल्दी और आक्रमक रूप से बढ़ती है.
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी स्टडी पर आधारित है. इसमें बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.