ABC NEWS: आज 02 नवंबर दिन बुधवार को आंवला नवमी है. इसे अक्षय नवमी या कूष्मांड नवमी भी कहते हैं. हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आंवला नवमी मनाई जाती है. इस दिन आंवले के पेड़ और भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है. आज आंवला नवमी के दिन रवि योग बना हुआ है. यह योग पूरे दिन है. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं आंवला नवमी की तिथि, मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व के बारे में.
आंवला नवमी 2022 तिथि
पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि का प्रारंभ 01 नवंबर दिन मंगलवार को रात 11 बजकर 04 मिनट पर हो चुका है और यह तिथि आज 02 नवंबर को रात 09 बजकर 09 मिनट तक मान्य है. उदयातिथि की मान्यता के अनुसार, आंवला नवमी आज है.
आंवला नवमी पूजा मुहूर्त 2022
आज आंवला नवमी पर पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 34 मिनट से दोपहर 12 बजकर 04 मिनट तक है. आज आपको आंवला नवमी की पूजा के लिए सााढ़े पांच घंटे का समय प्राप्त हो रहा है.
आंवला नवमी की पूजा विधि
1. आज प्रात: स्नान के बाद आंवला नवमी व्रत और पूजा का संकल्प करें. फिर आंवले के पेड़ के नीचे पूजा की व्यवस्था करें.
2. अब आप शुभ मुहूर्त में आंवले के पेड़ की पूजा करें. सबसे पहले आंवले के पेड़ की जड़ में जल और दूध अर्पित करें. फिर फूल, अक्षतृ, रोली, चंदन, फल, मिठाई आदि अर्पित करें.
3. इसके पश्चात रक्षा सूत्र या कच्चा सूत लेकर पेड़ में लपेट दें. उसके साथ 8 बार या 108 बार परिक्रमा करते हुए सूत पेड़ में लपेटना चाहिए.
4. अब आप भगवान विष्णु का ध्यान करके उनकी भी पूजा अर्चना कर लें. जीवन में सुख, शांति और समृद्धि के लिए प्रार्थना करें.
5. पूजा के समापन के बाद आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर परिजनों के साथ भोजन करें. विष्णु कृपा से आपके परिवार की उन्नति होगी.
6. कहा जाता है कि आज के दिन आंवले के पेड़ से अमृत की बूंदें टपकती हैं, इसलिए उत्तम स्वास्थ्य के लिए पेड़ के नीचे बैठने और भोजन करने की परंपरा है.
आंवला नवमी का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आज नवमी तिथि से लेकर कार्तिक पूर्णिमा तक आंवले के पेड़ में भगवान विष्णु का वास होता है. इस वजह से आंवले के वृक्ष की पूजा करते हैं. आज की तिथि पर भगवान विष्णु ने कूष्मांड राक्षस का वध किया था, इसलिए आंवला नवमी को कूष्मांड नवमी भी कहते हैं. इस दन कद्दू का दान किया जाता है. आंवला नवमी को ही द्वापर युग का प्रारंभ हुआ था.