ABC News: कोलकाता में शनिवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और BSF अधिकारियों के बीच बहस हो गई. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस दौरान गृहमंत्री अमित शाह भी मौजूद थे. यह वाकया हावड़ा में ईस्टर्न जोनल काउंसलिंग की बैठक के दौरान हुआ. ममता BSF को बॉर्डर के 50 किलोमीटर अंदर तक कार्रवाई के अधिकार देने से नाराज हैं. ममता का कहना है कि इससे आम लोगों को परेशानी हो रही है.
केंद्र सरकार ने नए कानून के तहत BSF को इंटरनेशनल बॉर्डर से 50 किलोमीटर तक के इलाके में कार्रवाई करने का अधिकार दिया है. इसके लिए मजिस्ट्रेट के आदेश या वारंट की जरूरत नहीं होगी. इससे पहले BSF 15 किमी अंदर तक ही कार्रवाई कर सकती थी. ममता इसी बदलाव से नाराज हैं. उनका कहना है कि इससे आम लोग परेशान हो रहे हैं. BSF के पास ज्यादा पॉवर है, जो लोगों और अफसरों के बीच तालमेल नहीं बनने देता. ममता ने मई 2022 में कहा था कि BSF वाले गांवों में घुसकर लोगों को मार रहे हैं और दूसरी तरफ बांग्लादेश में फेंक रहे हैं. उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार के तहत आने वाली BSF इंटरनेशनल बॉर्डर के उस पार गायों की तस्करी कराती है और लोगों की हत्या करके उनके शव बांग्लादेश में फेंक देती है, लेकिन उसका इल्जाम बंगाल पुलिस पर आता है. इसलिए मैंने राज्य पुलिस को कहा है कि वे BSF को राेकें. दिसंबर में पश्चिम बंगाल विधानसभा ने BSF के अधिकार क्षेत्र का दायरा बढ़ाए जाने के खिलाफ प्रस्ताव भी पास किया था. पिछले साल अक्टूबर में BSF एक्ट में बदलाव करते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पाकिस्तान और बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स का अधिकार क्षेत्र बढ़ा दिया था. इसके बाद BSF अधिकारियों को पश्चिम बंगाल, पंजाब और असम में देश की सीमा से लगे 50 किलोमीटर तक के इलाके में तलाशी, गिरफ्तारी और जब्ती की अनुमति मिल गई. इस फैसले से पंजाब में राजनीतिक विवाद पैदा हो गया था. पंजाब में पहले किसी भी कार्रवाई में BSF स्थानीय पुलिस की मदद से काम करती थी. नए संशोधन के बाद कांग्रेस और अकाली दल ने इसका जोरदार विरोध किया. पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने इसे राज्य के अधिकारों पर हमला बताया था. पंजाब की तरह बंगाल ने भी इस फैसले का विरोध किया था.