ABC News: पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच करीब 6 महीने से सीमा पर जबरदस्त तनाव चल रहा है. पिछले दिनों तालिबान की फायरिंग में 6 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत हो गई थी. इस तनाव को कम करने के लिए पाकिस्तान की विदेश राज्यमंत्री हिना रब्बानी खार मंगलवार को अफगानिस्तान पहुंचीं. उनके साथ फॉरेन और डिफेंस मिनिस्ट्री के अफसरों का एक डेलिगेशन भी था.
Pakistan’s foreign minister state Hina Rabbani Khar reached Kabul.
I hope that along with our security concern and attacks from Afghanistan border, she will bring the matter of #AfghanWomen , their education and rights. pic.twitter.com/U3PyPkWDGw— Shama Junejo (@ShamaJunejo) November 29, 2022
खास बात यह है कि महिलाओं को चारदीवारी और हिजाब में कैद रखने की हिमायती तालिबान हुकूमत के अफसर जब काबुल एयरपोर्ट पर हिना को रिसीव करने पहुंचे तो वो अपने पुराने ग्लैमरस अंदाज में थीं. हिजाब पहनना तो दूर उन्होंने सिर पर दुपट्टा भी नहीं डाला था. अफगानिस्तान में महिलाओं पर सख्त पाबंदियां हैं और दुनिया में इसका जबरदस्त विरोध हो रहा है. यही वजह है कि तालिबान हुकूमत कायम हुए एक साल होने के बावजूद अब तक किसी देश ने उसे मान्यता नहीं दी है. यहां लड़कियों के स्कूल और कॉलेज जाने पर पाबंदी है. उन्हें तालीमी हक यानी शिक्षा के अधिकार नहीं दिए गए हैं.
अगर वो बाजार या किसी और जगह जाती हैं तो साथ में पुरुष गार्जियन का होना जरूरी है. ऐसे माहौल में जब हिना रब्बानी खार मंगलवार को काबुल एयरपोर्ट पर उतरीं तो उनका अंदाज सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. हिजाब पहनना तो दूर उनके सिर पर साधारण चुन्नी या दुपट्टा भी नहीं था. इसके बाद जब वो डेलिगेशन लेवल की बातचीत के लिए फॉरेन मिनिस्ट्री पहुंचीं तो वहां भी तालिबान नेताओं के सामने बैठकर बातचीत की. इस दौरान भी उन्होंने किसी तरह का पर्दा नहीं किया था.
पाकिस्तान सरकार हर कीमत पर अफगानिस्तान सीमा पर अमन चाहती है. इसकी वजह यह है कि भारत के साथ उसका तनाव है. ईरान बॉर्डर पर भी आए दिन फायरिंग होती है.अगर अफगान सीमा पर भी हमले होते रहे तो मुल्क की सुरक्षा करना बेहद मुश्किल हो जाएगा. यह मुश्किल इसलिए भी बड़ी है, क्योंकि पाकिस्तान बिल्कुल दिवालिया होने की कगार पर है. उसके फॉरेन डिपॉजिट (फॉरेक्स रिजर्व) महज 7.96 अरब डॉलर हैं. ये पैसा भी चीन, सऊदी अरब और UAE का गारंटी डिपॉजिट है. इसे शाहबाज शरीफ सरकार खर्च नहीं करती. तीनों ही देश 36 घंटे के नोटिस पर यह अमाउंट वापस ले सकते हैं. जाहिर है, बिना पैसे के मुल्क की हिफाजत नहीं की जा सकती. पिछले दिनों IMF ने पाकिस्तान की डिफॉल्ट प्रॉबेबिलिटी (दिवालिया होने की आशंका) 79% बताई थी. इसके बाद से वहां की फौज और सरकार सकते में हैं. हिना की विजिट का मकसद अफगानिस्तान की तालिबान हुकूमत को इस बात के लिए मनाना है कि वो डूरंड लाइन पर फेंसिंग उखाड़ना बंद करे और TTP को पाकिस्तान में हमले करने से रोके. भारत-पाकिस्तान सीमा पर इन दिनों सीजफायर है. लिहाजा, वहां फिलहाल कोई खतरा नहीं है.