ABC NEWS: नरौरा डैम और हरिद्वार से लगातार छोड़ जा रहे लाखों क्यूसेक पानी के चलते कानपुर में बाढ़ का खतरा कई गुना बढ़ गया है. सोमवार दोपहर 12 बजे तक के जलस्तर की बात करें तो कानपुर में गंगा का जलस्तर 113.65 मीटर पर है, जो चेतावनी बिंदु से 65 सेमी. ऊपर है. वहीं शुक्लागंज में गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु से 26 सेमी. ऊपर बह रहा है.
गंगा किनारे क्षेत्रों में हो रही कटान
बैराज के पास कल्लूपुरवा गांव छोर में तेजी से कटान शुरू हो गई है. इसलिए नीचे जाकर गंगा में नहाने पर रोक लगा दी गई है. बाढ़ चौकी में तैनात गोताखोर और टीम छात्र-छात्राओं व युवाओं को उधर जाने से रोक रहे हैं. गंगा तटवर्ती चैनपुरवा, घामरखेड़ा, देवनीपुरवा, मक्कापुरवा में सबसे पहले बाढ़ का असर होगा.
शुक्लागंज के निचले इलाकों में आई बाढ़
गंगा का जलस्तर शुक्लागंज की ओर उफान पर है. जलस्तर बढ़ने के कारण पश्चिमी क्षेत्र के सैय्यद कम्पाउंड, कर्बला, चंपापुरवा, तेजीपुरवा, शाही नगर, हुसैन नगर, मनसुख खेड़ा के निचले इलाकों में सैकड़ों मकानों में बाढ़ का पानी घुस गया है. घरों को खाली कराने के निर्देश दिए गए हैं. जिला प्रशासन की ओर से कर्बला और हुसैन नगर में आवागमन के लिए दो नावें लगाई गई हैं.
गंगा के पानी ने ग्रामीण क्षेत्रों की ओर किया रुख
जल स्तर बढ़ने के कारण अभी पश्चिमी इलाकों के निचले इलाकों में गंगा का पानी भर गया है. अब धीरे-धीरे ग्रामीण क्षेत्रों की ओर भी गंगा का पानी तेजी से फैल रहा है जिससे कई किसानों की सब्जी के खेतों में पानी भर गया है, उन्हें भारी नुकसान पहुंचा है.
बिठूर में भी मंडराने लगा बाढ़ का खतरा
ब्रह्म खूंटी मंदिर के पुजारी पंडित गौतम द्विवेदी, अभिषेक दीक्षित के मुताबिक लगातार पानी बढ़ने से मंदिर परिसर में जलभराव हो गया है. नून नदी में पानी बढ़ा है. गंगा तटवर्ती बाकरगंज, रमेल नगर, हिंगूपुर, ख्योरा कटरी, बनियापुरवा, दुर्गापुरवा, मक्का पुरवा, भगवानदीन का पुरवा आदि गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है.