ABC NEWS: ( भूपेंद्र तिवारी ) कानपुर में देश के दूसरे राज्यों और प्रदेश के तराई वाले जिलों में भले ही झमाझम हो रही है, लेकिन कानपुर व इसके आसपास के क्षेत्रों में इस महीने अब बारिश न के बराबर रह गई है. रविवार को मौसम विभाग की ओर से जारी चेतावनी में कहा गया है कि कानपुर सहित प्रदेश के मध्य क्षेत्र में बारिश का संकट पैदा हो गया है.
ऐसे में अगले सात दिनों के बीच कभी बूंदाबांदी तो किसी दिन दो से तीन मिमी से ज्यादा बरसात संभव नहीं है. इस महीने में कानपुर व आसपास के जिलों में बारिश की बात करें तो कानपुर नगर और कानपुर देहात सबसे पीछे हैं. इस सीजन में अभी तक सबसे ज्यादा बारिश कन्नौज में हुई है.
धान की फसल को संकट
सीएसए के मौसम विभाग प्रमुख डा. एसएन पांडेय की ओर से जारी चेतावनी में कहा गया है कि इस बार धान की फसल को संकट हो सकता है. बारिश नहीं होने से सीजन की मुख्य फसल प्रभावित हो सकती है. विभाग के प्रमुख डॉ. एसएन पांडेय ने किसानों को अहम सलाह दी है.
उन्होंने कहा कि वे धान की फसल की सिंचाई के लिए बारिश के भरोसे न रहें. यह भी कहा कि है कि जो किसान जुलाई के आखिरी सप्ताह में धान की फसल की रोपाई कर रहे हैं, वे रोपाई में फसल के बीच अंतर रखे और फसल के तीन चार पौधों को एक साथ रोपें.
दो से तीन दिन तक संभावना नहीं
मौसम विज्ञानियों के अनुसार अब दो से तीन दिन तक वर्षा की संभावना नहीं है. मौसम विज्ञानी डा. एसएन सुनील पांडेय के अनुसार मानसून वर्षा के आसार कमजोर हैं. बारिश के लिए जिम्मेदार मानसून रेखा मध्य भारत की ओर चली गई है. बादलों की आवाजाही और कहीं बूंदाबांदी हो सकती है.