ABC NEWS: कानपुर-उन्नाव में बालू खनन माफियाओं के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि उन्होंने गंगा की धारा मोड़ने के लिए अस्थाई पुल का निर्माण भी कर दिया. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए यूपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (UPPCB) ने खनन पट्टाधारक मेसर्स वैष्णवी इंटरप्राइजेज के मालिक नागेंद्र सिंह पर 4.29 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया है.
1034 दिन तक किया खनन
जांच के दौरान पाया गया कि फर्म मालिक ने बिना परमीशन 7 अप्रैल 2018 से 3 फरवरी 2021 तक खनन किया. कुल 1034 दिन तक 2.10 लाख घनमीटर प्रति वर्ष की दर से बालू का खनन किया गया. इसके बाद मानसून आने के चलते कानपुर डीएम ने खनन पर रोक लगा दी, लेकिन फिर 13 दिसंबर को बालू खनन की अनुमति को दे दी.
CPCB ने लगाया जुर्माना
खनन की अनुमति दोबारा मिलने के बाद 13 फरवरी 2021 से 2 अप्रैल 2022 तक 111 दिन और बालू का अवैध खनन हुआ. इस पूरी मियाद के दौरान पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए जाने पर अब NGT के आदेश पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड यानि CPCB द्वारा निर्धारित सिस्टम के अनुसार 4.29 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है.
1 महीने में जमा करनी होगी राशि
फर्म को इस जुर्माना राशि को 30 दिन के अंदर बोर्ड के पास जमा करने को कहा गया है. आरोप है कि फर्म मालिक ने पर्यावरणीय स्वीकृति मिलने के बाद जल एवं वायु अधिनियम के नियमों का उल्लंघन करते हुए खनन कार्य शुरू करने से पहले बोर्ड से बिना अनुमति लिए खनन शुरू कर दिया था.
एनजीटी और भी ले सकती है एक्शन
अवैध पुल बनाकर गंगा की धार मोड़ने के मामले में भी फर्म मालिक नागेंद्र सिंह की गर्दन फंसी हुई है. इस मामले में NGT में एक केस अभी लंबित है. इस केस के दौरान एनजीटी ने कानपुर और उन्नाव के डीएम व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एक संयुक्त कमेटी को स्थलीय निरीक्षण कर एक्शन टेकन रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं. रिपोर्ट सौंपी जा चुकी है. इसके आधार पर ट्रिब्यूनल फैसला ले सकती है.