ABC NEWS: उत्तराखंड में हो रही भारी बारिश से सड़कों को भारी नुकसान पहुंचा है. उत्तराखंड में कुल 338 सड़कें बंद हो गई है. बदरीनाथ, यमुनोत्नी समेत चार राष्ट्रीय राजमार्ग और 39 राज्य मार्ग शामिल हैं. बारिश की वजह से जगह-जगह यात्री फंस गए हैं. प्रशासन द्वारा बंद सड़कों को खोलने का काम किया जा रहा है, लेकिन पहाड़ों में लगातार खराब मौसम मुसीबत साबित हो रहा है.
लोनिवि की रिपोर्ट के अनुसार रविवार को राज्य में 167 सड़कें बंद थी लेकिन सोमवार को बारिश की वजह से 195 और सड़कें भी बंद हो गई. जिससे कुल बंद सड़कों की संख्या 362 हो गई. हालांकि देर सांय तक 24 सड़कों को खोल दिया गया जिसके बाद अब 338 सड़कें बंद चल रही हैं.
लोनिवि के एचओडी डीके यादव ने बताया कि बंद सड़कों को खोलने के प्रयास चल रहे हैं. बारिश की वजह से सड़क खोलने के काम में मुश्किलें हो रही है. बताया कि टीमों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि बंद सड़कों को जल्द से जल्द खोल दिया जाए.
बदरीनाथ नेशनल हाईवे जगह-जगह बंद
भारी बारिश से ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग 12 जगहों पर बाधित रहा. एनएच की ओर से राजमार्ग सोमवार देर शाम तक खोले जाने की सम्भावना है. वहीं हाईवे लक्ष्मण झूला जा रहे पौड़ी डीएम आशीष चौहान व एसपी श्वेता चौबे को तोताघाटी से वापस लौटना पड़ा. बीते शनिवार रात भी एसडीएम पौडी युक्ता मिश्रा कौड़ियाला में दोनों ओर भारी मलबा आने से फंस गयी थी.
भारी बारिश के चलते सोमवार को नीर गड्डु, ब्रहमपुरी, शिवपुरी, अटाली, तिमलपानी, गूलर, सिंगटाली, कौडियाला, महादेव चट्टी, तोताघाटी, बछेली खाल, पंतगाव में भारी मलबा आने से बाधित हो गया. एनएच पीडब्लूडी, श्रीनगर को 12 जगहों पर आये बोल्डर के साथ आये मलबे को हटाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी. अटाली मे आधा सफाई के बाद दोबारा मलबा आ गया.
थाना प्रभारी देवप्रयाग देवराज शर्मा के अनुसार, ऋषिकेश की ओर राजमार्ग बाधित होने से रविवार रात देवप्रयाग में ही यातायात रोक दिया गया था. एनएच श्रीनगर की ओर से रात में काफी जोखिम उठाकर मलबा व बोल्डर हटाने का शुरू किया गया, जो सोमवार पूरे दिन जारी रहा.
4 ग्रामीण सड़कों पर यातायात बाधित
अल्मोड़ा जिला मुख्यालय और आस पास के क्षेत्रों में सुबह से ही बादल और कोहरा छाया रहा. हालांकि हल्के बादल होने से बीच बीच में धूप भी खिलने लगी है. वहीं, पिछले दिनों हुई बारिश से चार ग्रामीण मार्गों पर यातायात बाधित रहा. इससे ग्रामीण क्षेत्र के लोगों का मुख्य मार्गों से संपर्क टूट गया. ग्रामीणों को मुख्य मार्गों तक पहुंचने में दिक्कतें झेलनी पड़ी. आपदा कंट्रोल से मिली जानकारी के अनुसार बुधवार को कोसी नदी का जलस्तर 1126.83 मीटर और रामगंगा नदी का जलस्तर 922.00 मीटर रहा.