ABC NEWS: भारत की एक नहीं 2-2 बेटियों ने देश का मान बढ़ाया और शनिवार को महिला वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में अपने-अपने वर्ग में गोल्ड मेडल जीते. पहले नीतू घंघास ने 48 किग्रा में स्वर्ण पदक अपने नाम किया, फिर स्वीटी ने 81 किग्रा वर्ग में सोने का तमगा हासिल किया.
नीतू घंघास का शानदार पंच
दिल्ली में जारी चैंपियनशिप में नीतू गंघास ने 48 किग्रा वर्ग का गोल्ड मेडल अपने नाम किया. उन्होंने शनिवार को महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के फाइनल में मंगोलिया की लुतसाईखान अल्तानसेतसेग पर जीत से खिताब अपने नाम किया. भारत की स्टार मुक्केबाज ने शानदार प्रदर्शन करते हुए अल्तानसेतसेग को 5-0 से हराकर न्यूनतम वजन वर्ग का स्वर्ण पदक अपने नाम किया.
स्वीटी ने भी बढ़ाया मान
बॉक्सिंग में फिर इतिहास रचा गया. नीतू के बाद भारत की स्वीटी बूरा भी वर्ल्ड चैंपियन बन गईं. स्वीटी बूरा ने 81 किग्रा कैटेगरी में चीन की बॉक्सर को हराकर गोल्ड मेडल जीता. स्वीटी ने इससे पहले 2014 में आईबा महिला वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप के लाइट-हैवीवेट क्लास में सिल्वर मेडल जीता है.
नीतू वर्ल्ड चैंपियन बनने वालीं छठी बॉक्सर
नीतू ने आक्रामक शुरूआत की और अपने मुक्कों का अच्छी तरह इस्तेमाल कर जीत दर्ज की. इस जीत से 2022 स्ट्रैंड्जा मेमोरियल में स्वर्ण पदक जीतने वाली नीतू विश्व चैम्पियन खिताब हासिल करने वाली छठी भारतीय मुक्केबाज बनी. छह बार की चैम्पियन एम सी मैरीकॉम (2002, 2005, 2006, 2008, 2010 और 2018), सरिता देवी (2006), जेनी आर एल (2006), लेखा केसी (2006) और निकहत जरीन (2022) अन्य मुक्केबाज हैं जिन्होंने विश्व खिताब जीते हैं.