कब से शुरू होंगे शारदीय नवरात्र ? जानिए तारीख, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

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ABC NEWS: भारत में कई सारे त्योहार मनाए जाते हैं और इन सारे त्योहारों की एक ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है. इन्हीं त्योहारों में से एक त्योहार है नवरात्र. यह त्योहार मुख्यत: देवी दुर्गा को समर्पित किया जाता है. इस त्योहार में 9 दिन मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा की जाती है और दसवें दिन दशहरा मनाया जाता है. नवरात्र साल में चार बार मनाई जाती है. हिंदू पंचांग के अनुसार, शारदीय नवरात्रि अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक मनायी जाती है. इस बार शारदीय नवरात्र का महापर्व 26 सितंबर, सोमवार से शुरू होगा और 5 अक्टूबर, बुधवार तक मनाया जाएगा. फिर दसवें दिन दुर्गा मां की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है.

शारदीय नवरात्र का महत्व

नवरात्र में देवी शक्ति माँ दुर्गा के भक्त उनके नौ रूपों की बड़े विधि-विधान के साथ पूजा करते हैं. नवरात्र के समय घरों में कलश स्थापित कर दुर्गा सप्तशती का पाठ शुरू किया जाता है. नवरात्र के दौरान देश भर में कई जगहों पर मेले लगते हैं. इसके अलावा मंदिरों में जागरण और मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की झांकियां बनाई जाती हैं. नवरात्र में मां दुर्गा की पूजा करने से लोगों को हर मुश्किल परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है. इन नौ दिनों को बहुत पवित्र माना जाता है और भक्त नवरात्र के दौरान उपवास रखते हैं. नवरात्रि के अगले दिन दशमी के दिन दशहरा यानि “विजयदशमी” का पर्व मनाया जाता है. जो रावण पर भगवान राम की जीत का प्रतीक है.

शारदीय नवरात्र पूजा विधि

नवरात्र के सभी दिनों में सुबह जल्दी उठकर नहाएं और साफ कपड़े पहनें. पहले दिन शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना की प्रक्रिया को पूरा करें. कलश में गंगाजल भरें, और उसके मुख के ऊपर आम के पत्ते रखें. कलश की गर्दन को पवित्र लाल धागे या मोली लपेटें और नारियल को लाल चुनरी के साथ लपेटें. नारियल को आम के पत्तों के ऊपर रखें. कलश को मिट्टी के बर्तन के पास या उस पर रखें. मिट्टी के बर्तन पर जौ के बीज बोएं और नवमी तक हर रोज कुछ पानी छिड़कें. इन नौ दिनों में मां दुर्गा मंत्रों का जाप करें. माँ को अपने घर में आमंत्रित करें. देवताओं की पूजा भी करें, जिसमें फूल, कपूर, अगरबत्ती, खुशबू और पके हुए व्यंजनों के साथ पूजा करनी चाहिए.

आठवें और नौवें दिन, एक ही पूजा करें और अपने घर पर नौ लड़कियों को आमंत्रित करें. ये नौ लड़कियां मां दुर्गा के नौ रूपों का प्रतिनिधित्व करती हैं. इसलिए, उन्हें एक साफ और आरामदायक जगह पर बैठाकर उनके पैरों को धोएं. उनकी पूजा करें, उनके माथे पर तिलक लगाएं और उन्हें स्वादिष्ट भोजन परोसें. दुर्गा पूजा के बाद अंतिम दिन, घट विसर्जन करें.

शारदीय नवरात्र तिथि

प्रतिपदा (मां शैलपुत्री): 26 सितम्बर 2022

द्वितीया (मां ब्रह्मचारिणी): 27 सितम्बर 2022

तृतीया (मां चंद्रघंटा): 28 सितम्बर 2022

चतुर्थी (मां कुष्मांडा): 29 सितम्बर 2022

पंचमी (मां स्कंदमाता): 30 सितम्बर 2022

षष्ठी (मां कात्यायनी): 01 अक्टूबर 2022

सप्तमी (मां कालरात्रि): 02 अक्टूबर 2022

अष्टमी (मां महागौरी): 03 अक्टूबर 2022

नवमी (मां सिद्धिदात्री): 04 अक्टूबर 2022

दशमी (मां दुर्गा प्रतिमा विसर्जन): 5 अक्टूबर 2022

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