ABC NEWS: फतेहपुर के जिला अस्पताल में प्रसव बाद गुरुवार सुबह जच्चा-बच्चा को सुरक्षित घर छोड़ने जा रही सरकारी एंबुलेंस बांदा-कानपुर राजमार्ग के महाखेड़ा गांव के समीप पानी भरे गड्ढे में फंस गई जिससे यातायात बाधित हो गया. रोडवेज बस व ट्रकों को साइड से धीरे धीरे आवागमन कराया गया. उस बीच ग्रामीणों ने एंबुलेंस के पीछे रस्सा बांधकर ट्रैक्टर से टोचिंग कराया. बमुश्किल डेढ़ घंटे में एंबुलेंस गड्ढे से बाहर निकल पाई. दो घंटे बाद यातायात पूरी तरह से बहाल हो गया.
ललौली क्षेत्र के रेंय मजरे कीर्तिखेड़ा गांव की रहने वाली गर्भवती सोनी देवी को बुधवार को जिला अस्पताल में प्रसव के लिए भर्ती कराया गया था। प्रसव बाद अस्पताल से सरकारी एंबुलेंस जच्चा-बच्चा को छोड़ने उसके गांव जा रही थी.
एंबुलेंस में जच्चा सोनी देवी के पिता ननका भी सवार थे। सुबह साढ़े 07 बजे के करीब महाखेड़ा गांव के समीप एंबुलेंस पहुंची तो सड़क पर भरे पानी को समतल जगह समझकर चालक ने एंबुलेंस नहीं रोकी जिससे एंबुलेंस पानी भरे गड्ढे में फंस गई.
ननका ने अपने गांव से स्वजन व ग्रामीणों को बुलाया. जिस पर ग्रामीण ट्रैक्टर लेकर मौके पर पहुंचे और सुबह 9 बजे टोचिंग कर एंबुलेंस को बाहर निकाला. इसके बाद एंबुलेंस जच्चा-बच्चा को गांव तक छोड़ने रवाना हो गई.
ललौली थाना प्रभारी आलोक पांडेय ने बताया कि ग्रामीण व पीआरवी की सक्रियता से जाम नहीं लग सका लेकिन राजमार्ग में वर्षा का पानी भर जाने से मुसाफिरों को सफर में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
बांदा-कानपुर राजमार्ग में महाखेड़ा के समीप एंबुलेंस से गड्ढे में फंसने की खबर मिलते ही पीआरवी (पुलिस रिस्पांस व्हीकल) मौके पर पहुंची. उस समय वाहनों ट्रक, बोलेरो, लोडर, पिकप, कार आदि का रेला लग गया था.
पीआरवी टीम वाहन धीरे धीरे वाहनों का आवागमन कराती रही. इस बीच बांदा जा रही कानपुर के किदवई नगर डिपो की रोडवेज बस भी रेंगते हुए आगे निकाली गई जिससे करीब 20 मिनट तक यात्री परेशान रहे.