ABC NEWS: परिवर्तिनी एकादशी का व्रत भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है. इस साल परिवर्तिनी एकादशी के दिन 4 शुभ योग बन रहे हैं. इस साल परिवर्तिनी एकादशी का व्रत दो दिन होगा. पहला दिन गृहस्थों के लिए और दूसरा दिन वैष्णव लोगों के लिए होगा. परिवर्तिनी एकादशी का व्रत रखकर भगवान विष्णु के वामन स्वरूप की पूजा की जाती है. इस व्रत को करने से तीनों लोकों की पूजा का फल मिलता है, वाजपेय यज्ञ करने के समान पुण्य प्राप्त होता है, पाप मिटते हैं और जीवन के अंत में मोक्ष की प्राप्ति होती है. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं कि परिवर्तिनी एकादशी कब है? परिवर्तिनी एकादशी पूजा मुहूर्त और पारण समय क्या है? परिवर्तिनी एकादशी व्रत का महत्व क्या है?
महत्व क्या है?
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, परिवर्तिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु अपना करवट बदलते हैं. कहा जाता है कि चातुर्मास में भगवान विष्णु पाताल लोक में योग निद्रा में होते हैं. भाद्रपद शुक्ल एकादशी तिथि को वे एक करवट से दूसरे करवट होते हैं. इस वजह से भाद्रपद शुक्ल एकादशी को परिवर्तिनी एकादशी कहते हैं.
किस तारीख को है?
ज्योतिषाचार्य भट्ट के अनुसार, इस साल भाद्रपद शुक्ल एकादशी तिथि 25 सितंबर दिन सोमवार को सुबह 07 बजकर 55 मिनट से शुरू होगी और इस तिथि का समापन 26 सितंबर मंगलवार को सुबह 05:00 बजे होगा. उस दिन हरिवासर सुबह 10:11 बजे खत्म होगा. ऐसे में परिवर्तिनी एकादशी का व्रत 25 सितंबर को रखा जाएगा, हालांकि 26 सितंबर को परिवर्तिनी एकादशी व्रत वैष्णव के लिए होगा.
बन रहे 4 शुभ योग
इस बार परिवर्तिनी एकादशी 25 और 26 सितंबर को दो दिन है. पहले दिन सुकर्मा योग दोपहर 03 बजकर 23 मिनट से है, जो अगले दिन भी होगा. वहीं सर्वार्थ सिद्धि योग 25 सितंबर को सुबह 11 बजकर 55 मिनट से लेकर अगले दिन सुबह 06 बजकर 11 मिनट तक होगा. उस दिन रवि योग सुबह 06 बजकर 11 मिनट से सुबह 11 बजकर 55 मिनट तक होगा. द्विपुष्कर योग 26 सितंबर को 09 बजकर 42 मिनट से शुरू होकर देर रात 01 बजकर 44 मिनट तक होगा. ये सभी शुभ योग आपके लिए कल्याणकारी हैं.
पूजा मुहूर्त
परिवर्तिनी एकादशी की पूजा आप रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग में कर सकते हैं. जो 25 सितंबर को प्रात:काल से लेकर पूरे दिन है. सर्वार्थ सिद्धि योग में पूजा पाठ करने से आपको शुभ फल की प्राप्ति होगी. पूजा के लिए राहुकाल वर्जित है.
व्रत पारण का समय
जो लोग 25 सितंबर को व्रत रखेंगे, वे 26 सितंबर को परिवर्तिनी एकादशी का पारण करेंगे. यह पारण हरिवासर के खत्म होने के बाद होगा. 26 तारीख को व्रत का पारण समय दोपहर 01:25 पी एम से 03:49 पी एम तक है. इस समय में पारण कर लें. जो लोग 26 सितंबर को व्रत रखेंगे, वे अगले दिन 27 सितंबर को सुबह 06:12 ए एम से 08:36 ए एम के बीच पारण कर सकते हैं.
प्रस्तुति: भूपेंद्र तिवारी