ABC NEWS: जुलाई 2023 का चौथा सप्ताह आज 23 जुलाई रविवार से शुरू हो रहा है. इस सप्ताह के पहले ही दिन शिव पुत्र भगवान कार्तिकेय की पूजा और व्रत है. आज सावन अधिक मास की स्कंद षष्टी है. इस व्रत को करने से रोग, दोष, भय आदि दूर होते हैं. यह व्रत दक्षिण भारत में अधिक होता है. जुलाई के इस सप्ताह में स्कंद षष्ठी के अलावा सावन सोमवार, मंगला गौरी व्रत, पद्मिनी एकादशी आने वाली है. यह सप्ताह भगवान शिव और उनके परिवार तथा भगवान विष्णु की पूजा को समर्पित है. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं कि ये सभी व्रत कब और किस दिन हैं?
जुलाई 2023 चौथे सप्ताह के व्रत और त्योहार
23 जुलाई, रविवार: सावन अधिक मास स्कंद षष्ठी
स्कंद षष्ठी व्रत: यह व्रत शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को रखा जाता है. अधिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि 23 जुलाई को सुबह 11 बजकर 44 मिनट से शुरू हो रही है और 24 जुलाई को दोपहर 01 बजकर 42 मिनट पर समाप्त होगी. इस व्रत में भगवान कार्तिकेय की विधि विधान से पूजा करते हैं. उनकी कृपा से कार्य सफल होते हैं.
24 जुलाई, सोमवार: सावन अधिक मास सोमवार
सावन सोमवार व्रत: 24 जुलाई को सावन का तीसरा सोमवार व्रत है. इस दिन रवि योग, शिव योग और सिद्ध योग बना है. इस दिन शिववास नंदी पर दोपहर 01 बजकर 42 मिनट तक है. सावन सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करते हैं. शिव कृपा से मनचाहा जीवनसाथी प्राप्त होता है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
25 जुलाई, मंगलवार: सावन अधिक मास मंगला गौरी व्रत
मंगला गौरी व्रत: 25 जुलाई को सावन का चौथा मंगला गौरी व्रत है. अधिक मास के कारण सावन में 9 मंगला गौरी व्रत हैं. इस व्रत को सुहागन महिलाएं करती हैं और माता गौरी की पूजा करती हैं. उनकी कृपा से अखंड सौभाग्य और सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद मिलता है. जिनकी कुंडली में मंगल दोष होता है, वे भी इस व्रत को कर सकते हैं. मां मंगला गौरी के आशीर्वाद से मंगल दोष दूर होता है और जल्द ही विवाह का योग बनता है.
29 जुलाई, शनिवार: पद्मिनी एकादशी या कमला एकादशी
पद्मिनी एकादशी 2023: मलमास या अधिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पद्मिनी एकादशी कहा जाता है. इस साल पद्मिनी एकादशी 29 जुलाई को है. व्रत का पारण 30 जुलाई रविवार को सुबह 05:41 बजे से सुबह 08:24 बजे के मध्य किया जा सकता है. पद्मिनी एकादशी व्रत को करने से पुत्र की प्राप्ति होती है. इतना ही नहीं, संसार में प्रसिद्धि मिलती है और मृत्यु के बाद मोक्ष प्राप्त होता है.
प्रस्तुति : भूपेंद्र तिवारी