ABC News: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने एलान किया है कि राज्य की अगली राजधानी विशाखापत्तम होगी. दरअसल, 2014 में तेलंगाना को आंध्र प्रदेश से अलग किए जाते वक्त हैदराबाद को 10 साल के लिए दोनों राज्यों की साझा राजाधानी घोषित किया गया था. यह समयावधि पूरी होने के बाद में हैदराबाद को तेलंगाना को सौंपे जाने का निर्णय हुआ.
Andhra Pradesh Chief Minister Jagan Mohan Reddy makes a big announcement at the International Diplomatic Alliance Meet in New Delhi.
I am here to invite you to Visakhapatnam which will be our capital. I will also be shifting to Vizag. pic.twitter.com/IOnfBrHuqo
— Y Vasu Naidu YSRCP (@yvnaidu_ysrcp) January 31, 2023
ऐसे में आंध्र प्रदेश को 2024 से पहले ही राजधानी का एलान करना था. इससे पहले चंद्रबाबू नायडू की तेदेपा सरकार ने अमरावती को आंध्र प्रदेश की अगली राजधानी घोषित किया था. हालांकि, जगनमोहन सरकार ने अब विशाखापत्तनम को राजधानी बनाने का एलान किया है. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि राज्य की राजधानी को विशाखापत्तनम स्थानांतरित किया जाएगा. मुख्यमंत्री रेड्डी ने कहा कि वह अपना कार्यालय विशाखापत्तनम में स्थानांतरित करेंगे. 23 अप्रैल, 2015 को आंध्र सरकार ने अमरावती को अपनी राजधानी घोषित किया था. फिर 2020 में, राज्य ने तीन राजधानी शहर बनाने की योजना बनाई. जिनमें अमरावती, विशाखापत्तनम और कुरनूल शामिल थे. इसके बाद में उस योजना को वापस ले लिया गया और अमरावती राजधानी बनी रही. अमरावती एक कथित भूमि घोटाले का केंद्र रहा है, जिसके लिए रेड्डी की पार्टी वाईएसआरसीपी ने पूर्व मुख्यमंत्री, टीडीपी के एन चंद्रबाबू नायडू पर आरोप लगाया था. रेड्डी की पार्टी ने सीबीआई जांच की मांग करते हुए आरोप लगाया कि कुछ लोगों ने, जिन्हें नई राजधानी के स्थान के बारे में पहले से बताया गया था. उन्होंने वहां अनुचित लाभ उठाने के लिए जमीन खरीदी थी. केंद्र को दिए एक जानकारी में राज्य सरकार ने कहा कि 2014 में ऐसे लोगों द्वारा 4,000 एकड़ से अधिक जमीन खरीदी गई थी. लेकिन एन चंद्रबाबू नायडू ने इस तरह के किसी भी आरोप को खारिज करते हुए सवाल किया था कि नई राजधानी बनाने के लिए मूल रूप से किसानों से ली गई जमीन को वाईएसआरसीपी सरकार द्वारा क्यों बेचा जा रहा है. कुछ महीने पहले, विपक्ष के नेता ने विशेष रूप से एपी कैपिटल रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी के सरकारी कर्मचारियों के लिए बनाए गए आवासीय टावरों को निजी संस्थाओं को पट्टे पर देने के फैसले में खामियां पाई थी.