ABC NEWS: लोकसभा चुनाव से पहले BSP सुप्रीमो मायावती को बड़ा झटका लग सकता है. आजमगढ़ के लालगंज से सांसद संगीता आज़ाद और पूर्व विधायक पप्पू आज़ाद बीजेपी का दामन थाम सकते हैं. इसे पूर्वांचल में अपनी पैठ मजबूत करने की बीजेपी की रणनीति का अहम हिस्सा माना जा रहा है. बसपा 2019 में लोकसभा चुनाव में जीते कई सांसदों को पहले ही खो चुकी है. इससे पहले अमरोहा से पार्टी सांसद दानिश अली को मायावती ने खुद को छह साल के लिए पार्टी से निकाल दिया है. बसपा के जौनपुर से सांसद श्याम सिंह यादव भी बागी रुख दिखा रहे हैं. उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा के बाद हाल ही में दोबारा कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात की थी.
मायावती ने उत्तर प्रदेश में आगामी लोकसभा चुनाव में अभी तक अकेले ही मैदान में उतरने के संकेत दिए हैं. जबकि पिछली बार बुआ-बबुआ की जोड़ी लोकसभा चुनाव में उतरी थी. मायावती ने वक्त आने पर यूपी में विपक्षी गठबंधन में शामिल होने का विकल्प खुला रखा है, लेकिन सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस पर दो टूक कहा है कि उनके लिए रास्ता बंद हो चुका है. सपा ने कांग्रेस से गठबंधन को लेकर ये कड़ी शर्त भी रख दी है. ऐसे में लोकसभा चुनाव में सपा, रालोद और कांग्रेस का विपक्षी गठबंधन दिखाई दे सकता है.
लालगंज लोकसभा सीट परिणाम 2019 की बात करें तो संगीता आजाद ने एक लाख 61 हजार वोटों से चुनाव जीता था. उन्होंने बीजेपी की मौजूदा सांसद नीलम सोनकर को बड़े अंतर से हराया था. उनकी क्षेत्र में अभी भी लोकप्रियता के कारण बीजेपी उन्हें पाले में ला सकती है. आजमगढ़ सीट पर बीजेपी एमवाई समीकरण को पहले ही तोड़ चुकी है, जहां से दिनेश लाल यादव निरहुआ ने चुनाव में जीत दर्ज की थी.