ABC News: प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट ने मंगलवार को उमेश पाल अपहरण केस में अपना फैसला सुनाया है. कोर्ट ने पहले माफिया अतीक अहमद समेत तीन आरोपियों को दोषी करार दिया है. जबकि अतीक के भाई अशरफ अहमद समेत सात आरोपियों को निर्दोष करार दिया. इसके थोड़ी देर बाद कोर्ट सभी आरोपियों को आजीवन करावास की सजा सुनाई है.
कोर्ट द्वारा अतीक अहमद, सौलत हनीफ और दिनेश पासी को दोषी करार दिया गया है. अतीक अहमद एवं दिनेश पासी को 147, 148, 149, 341, 342, 364अ, 120बी में दोषी करार दिया गया है, जबकि सौलत हनीफ को अन्य धाराओं के साथ 364 में दोषी करार दिया है. बाकी धाराओं में बरी कर दिया गया है. फैसला सुनते ही अतीक ने अपने सिर पर हाथ रख लिया. जबकि अशरफ समेत सात आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया है. हालांकि इससे पहले उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं अदालत नहीं जा रही हूं. मैं अपने घर में रहूंगी और अहमद के लिए मृत्युदंड की प्रार्थना करूंगी.’’ अहमद और अशरफ पर 2005 में राजू पाल की हत्या के प्रमुख गवाह उमेश पाल की पिछले महीने हुई हत्या के मामले में साजिश में शामिल होने का भी आरोप है.
क्या है मामला?
बीएसपी विधायक राजू पाल मर्डर केस में मुख्य गवाह उमेश पाल से जुड़े हुए मामले में कोर्ट ने फैसला सुनाया है. इस केस में आरोप था कि 28 फरवरी 2006 को अतीक अहमद और अशरफ ने उमेश पाल का अपहरण कराया था. उमेश पाल को मारपीट करने के बाद परिवार समेत जान से मारने की धमकी देते हुए कोर्ट में जबरन हलफनामा दाखिल कराया गया. 2007 में मायावती की सरकार बनने के बाद उमेश पाल ने पांच जुलाई 2007 को अतीक और अशरफ समेत 5 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कराई गई थी. पुलिस की जांच में छह अन्य लोगों के नाम सामने आए. कोर्ट में अतीक और अशरफ समेत 11 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई. 2009 से मुकदमे का ट्रायल शुरू हुआ. अभियोजन यानी सरकारी पक्ष से कुल 8 गवाह पेश किए गए. इस केस के 11 आरोपियों में से अंसार बाबा नाम के आरोपी की मौत हो चुकी है. अतीक और अशरफ समेत कुल 10 आरोपियों के खिलाफ कोर्ट ने मंगलवार को अपना फैसला सुना दिया है.