ABC News: कानपुर में लखनऊ से दिल्ली के बीच चलने वाली स्वर्ण शताब्दी और कानपुर से दिल्ली के बीच चलने वाली रिवर्स शताब्दी की तर्ज पर रेलवे बोर्ड ने दो वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने का खाका तैयार किया है. ये ट्रेनें शताब्दी एक्सप्रेस का विकल्प होंगी.
दोनों ही चेयरकार होने की वजह से छह से सात घंटे में सफर पूरा करने के लिहाज से इन्हें बढ़ाया जाएगा. अभी वाराणसी से नई दिल्ली के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस कानपुर सेंट्रल होकर चलती है. रेलवे को वंदेभारत एक्सप्रेस की कामयाबी से ट्रैफिक लोड मिलने की उम्मीद है. कानपुर सेंट्रल होकर लखनऊ से नई दिल्ली के बीच चली तेजस एक्सप्रेस भी सफल रही है. लिहाजा रेलवे अधिकारियों ने वाराणसी वंदे भारत एक्सप्रेस में कानपुर के यात्रियों को आसानी से टिकट नहीं मिल पाता है. लखनऊ-नई दिल्ली शताब्दी में लोड ज्यादा है. लिहाजा दोनों रेलवे स्टेशनों से शुरू होने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस को चलाने की तैयारी है. शताब्दी पांच घंटे में कानपुर से दिल्ली पहुंचाती है. वंदे भारत एक्सप्रेस कानपुर से दिल्ली की दूरी चार घंटे में पूरी करती है. अभी देशभर में 23 जोड़ी शताब्दी ट्रेनें चल रही हैं. लखनऊ और कानपुर की शताब्दी के समय के आसपास वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने के प्रस्ताव की फाइल रेलवे ने तलब कर ली है. बता दें कि इन ट्रेनों के चलने से यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी. ये ट्रेनें 130 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ती हुई नजर आएंगी.