ABC NEWS: कुछ करने की चाह रखने वालों का रास्ता कोई नहीं रोक सकता. यह साबित किया उन्नाव जिले के तीन होनहारों ने. जिसमें सौम्या मिश्रा ने पीसीएस परीक्षा परिणाम में जहां प्रदेश में दूसरे स्थान पर रैंकिंग बनाई वहीं पान लगाने वाले नौजवान ने जब 20 साल कड़ी मेहनत की और पीसीएस में सफल होकर दिखाया. तीसरे होनहार ने 13वीं रैंक हासिल कर जिले का नाम रोशन किया है.
सौम्या मिश्रा परिवार के साथ
असोहा ब्लाक में गांव अजयपुर निवासी अकबाल शंकर मिश्रा एडीओ पंचायत से रिटायर हुए थे. उनके बेटे राघवेंद्र मिश्रा की 1994 में दिल्ली के यमुना बिहार बी वन में स्थित राजकीय सर्वोदय कालेज में बतौर हिंदी शिक्षक तैनाती मिली. तब से वह दिल्ली में ही सेवाएं दे रहे हैं.
राघवेंद्र भरपुरा इलाके में पत्नी रेनू मिश्रा, बड़ी बेटी सौम्या मिश्रा, बेटी सुमेघा और छोटे बेटे शाश्वत रत्न मिश्रा के साथ रहते हैं. बेटी सौम्या ने भूगोल विषय से परास्नातक की शिक्षा ली है. पीसीएस में दूसरे प्रयास के बाद सफलता हासिल की है. 2021 की परीक्षा में पूरी तैयारी के साथ बैठी थी. पेपर अच्छे गए थे। सौम्या ने अपन माता-पिता के स्नेह और भूगोल के गुरु अरुण कुमार त्रिपाठी को श्रेय दिया है.
पान की दुकान से बने थे शिक्षक और अब पीसीएस में परचम
स्टेशन रोड बांगरमऊ निवासी नीतू कुमार गुप्ता अभी गंजमुराबाद के प्राथमिक विद्यालय अटवा में शिक्षक के पद पर तैनात है. जिनका चयन 2020 में 69 हजार भर्ती में हुआ था. नीतू ने बताया कि इससे पहले 2018 में इसी पद पर उनका चयन हो चुका है. जिसका मामला न्यायालय में विचाराधीन है. नीतू ने बताया कि उन्होंने 20 साल तक कड़ा संघर्ष किया। तब जाकर मास्टर बनने का ख्वाब पूरा किया. इसके बाद वह पीसीएस बनने की तैयारी कर रहे थे. बुधवार को आए परिणाम में वह सफल हुए.
नीतू के पिता फूलचंद्र प्राइवेट नौकरी करते है जबकि, माता श्रीकांती गुप्ता का 2015 में निधन हो गया था. अपनी माता के निधन के दिन नीतू लोवर पीसीएस का फाइनल इंटरव्यू दे रहे थे. नीतू ने बीएड, एमएड व शिक्षाशास्त्र में नेट किया है.
शिवांक ने पहले ही प्रयास में पास की परीक्षा
बीघापुर तहसील के ग्राम मानपुर निवासी शिवांक सिंह ने यूपी पीसीएस 2021 के जारी परिणामों में डिप्टी एसपी कैटेगरी के पद पर 13वीं रैंक हासिल की है. शिवांक के परिणाम की खबर से परिजनों में खुशी की लहर दौड़ गई है. शिवांक इस सफलता के पीछे श्रेय मां, पिता के साथ ही सेवानिवृत्त शिक्षक परबाबा शिवदर्शन सिंह को देते हैं.
शिवांक के पिता दिवाकर सिंह किसान और मां सुशीला सिंह गृहणी हैं. वह चार साल से दिल्ली में रहकर तैयारी कर रहे थे. नेट परीक्षा पास करने वाले शिवांक ने पहले ही प्रयास में परीक्षा पास की है. शिवांक की प्रारंभिक शिक्षा त्रिवेणी काशी इंटर कालेज बिहार से हुई. स्नातक सेमरी रायबरेली स्थित महाविद्यालय से किया. परास्नातक इंदिरा गांधी मुक्त विश्वविद्यालय दिल्ली से करने के बाद सिविल सेवा की तैयारियां शुरू की.