चंदौली जिले में चल रही अनोखी कवायद, किसानों ने कहा नहीं जलाएंगे पराली!

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ABC NEWS: UP में धान की कटाई शुरू होते ही पराली जलाने के मामले सामने आने लगे हैं. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने पराली जलाने पर रोक लगा रखी है, फिर भी खेतों में आग लगाने की घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. प्रशासन किसानों को पराली न जलाने का निर्देश दे रहा है. किसानों को इस बाबत लगातार जागरूक भी किया जा रहा है.

धान का कटोरा कहे जाने वाले पूर्वी उत्तर प्रदेश के चंदौली में किसानों को जागरूक करने के लिए दीवारों पर पराली न जलाने से संबंधित स्लोगन्स की पेंटिंग कराई जा रही है. साथ ही ग्राम पंचायतो के प्रधानों को भी पराली न जलाने के संदर्भ में निर्देश जारी किए गए हैं. किसानों को पराली न जलाने संबंधित निर्देशों के पर्चे भी बांटे जा रहे हैं.

चंदौली में हाईवे के पास फ्लाई ओवर ब्रिज की दीवारों पर पराली न जलाने से संबंधित स्लोगन लिखे हुए हैं. यही नहीं कृषि भवन और कृषि विभाग के दफ्तर की बिल्डिंग पर भी अलग-अलग तरीके के स्लोगन लिखे हुए हैं. उद्देश्य बस इतना है कि किसान किसी भी कीमत पर पराली ना जलाएं. पराली जलाने से प्रदूषण का स्तर बढ़ता है, साथ में उर्वरा शक्ति भी प्रभावित होती है.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की स्पष्ट गाइडलाइन है कि किसी भी कीमत पर पराली न जलाई जाए. इसको लेकर किसानों को लगातार जागरूक किया जा रहा है. अगर कोई किसान पराली जलाते हुए पकड़ा जा रहा है तो उस पर कार्रवाई भी की जा रही है.

विजेंद्र कुमार ( कृषि उपनिदेशक चंदौली ) के मुताबिक पराली प्रबंधन के लिए जिले में टास्क फोर्स का गठन किया जा चुका है. ग्राम प्रधानों को इसको लेकर पत्र भी लिखा गया है. न्याय पंचायत स्तर पर कृषि विभाग और राजस्व विभाग के कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जा चुकी है. प्रचार-प्रसार के लिए वॉल पेंटिंग, होर्डिंग लगाई जा रही है. प्रचार वाहन भी चलाए जा रहे हैं. किसानों को पंपलेट के द्वारा भी जागरूक किया जा रहा है. जनपद में 22700 डीकंपोजर सभी स्टोर्स पर भेज दिए गए हैं. पराली प्रबंधन के लिए 63 यंत्र देने का टार्गेट था. इसको लेकर 102 की बुकिंग हुई है. इन यंत्रों का वितरण पहले आओ पहले पाओ के आधार पर किया जाएगा. पराली जलाने पर 2 हेक्टेयर तक ढाई हजार रुपए का दंड है, दो से 5 हेक्टेयर तक ₹5000, और 5 हेक्टेयर से ऊपर होने पर ₹15000 रुपये वसूले जाएंगे.

जिला प्रशासन के प्रयास का असर किसानों पर दिखाई दे रहा है.फिलहाल चंदौली के किसान पराली न जलाने की बात कर रहे हैं.पराली न जलाने को लेकर चलाए जा रहे जागरूकता अभियान और सरकार की सख्ती को लेकर चंदौली जनपद के किसान अशोक कुमार सिंह और श्रीकांत सिंह कहते हैं कि पराली जलाना किसानों के हित में नहीं है, इससे जमीन की उर्वरा शक्ति कम होती है और वातावरण मे प्रदूषण भी फैलता है.उन्होंने बताया कि जिला स्तर पर पराली न जलाने को लेकर किसानों के साथ किसान गोष्ठी भी की जा रही हैं और किसानों को जागरूक किया जा रहा है.

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