ABC NEWS: सावन के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज का त्योहार मनाया जाता है. सावन में चारों ओर हरियाली होती है, इसलिए इसे हरियाली तीज कहते हैं. हरियाली तीज आज उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में मनाई जा रही है. इस दिन भगवान शिव और पार्वती की संयुक्त रूप से उपासना करनी चाहिए. इससे सौभाग्य और मनचाहे वर की प्राप्ति होती है. ऐसी मान्यता है कि इसी दिन मां पार्वती ने भगवान शिव को अपनी कठोर तपस्या से प्राप्त किया था. इस दिन वृक्ष, नदियों और जल के देवता वरुण की भी उपासना की जाती है.
हरियाली तीज की पूजन विधि
हरियाली तीज के दिन सोलह ऋृंगार करके पूरे दिन उपवास रखना चाहिए. श्रृंगार में मेहंदी जरूर लगाएं और चूड़ियां जरूर पहनें. शाम को शिव मंदिर जाकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें. मंदिर में घी का बड़ा दीपक जलाएं. मां पार्वती और भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें. पूजा के बाद सुहागन और जरूरत स्त्री को सुहाग की वस्तुएं दान करें और उनका आशीर्वाद लें.
हरियाली तीज शुभ मुहूर्त
ज्योतिषविदों के अनुसार, हरियाली तीज की पूजा के लिए आज दो शुभ मुहूर्त हैं. पहला शुभ मुहूर्त सुबह 07.30 बजे से सुबह 09.08 बजे तक रहेगा. इसके बाद, दोपहर 12.25 बजे से शाम 05.19 बजे तक पूजा का दूसरा शुभ मुहूर्त होगा.
शीघ्र विवाह से हरियाली तीज का संबंध वास्तव में तीज का संबंध शीघ्र विवाह से ही है. अविवाहित कन्याओं को इस दिन उपवास रखकर शिव-गौरी की विशेष रूप से पूजा करनी चाहिए. इंसान की कुंडली में कितने भी बाधक योग क्यों ना हों, इस दिन की पूजा से दूर हो सकते हैं.
हरियाली तीज के महाउपाय
1. यदि पार्टनर से अनबन रहती है तो हरियाली तीज के दिन शिवजी को पीला वस्त्र और मां पार्वती को लाल वस्त्र अर्पित करें. दांपत्य जीवन की बेहतरी के लिए प्रार्थना करें. इसके बाद दोनों वस्त्रों में आपस में गांठ लगाकर अपने पास रख लें.
2. पति-पत्नी अगर अलग रह रहे हों तो भगवान शिव को फूल, बेलपत्र, अबीर या गुलाल अर्पित करें. मां गौरी को चांदी के पात्र में सिंदूर अर्पित करें और दांपत्य जीवन में सुख देने की प्रार्थना करें. इसके बाद अर्पित किया हुआ सिंदूर नियमित प्रयोग करें.
3. यदि पार्टनर का स्वास्थ्य खराब रहता है तो शाम के समय शिवजी के मंदिर जाएं. शिवलिंग पर पहले पंचामृत अर्पित करें. इसके बाद जल की धारा अर्पित करें. जीवनसाथी के स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करें.
प्रस्तुति: भूपेंद्र तिवारी