ABC News: जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में हुए आतंकी हमले में बलिदान देने वाले पांच जवानों में से एक लांस नायक कुलवंत सिंह को अपने पिता की तरह ही शहादत मिली. कुलवंत सिंह के पिता ने 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान देश के लिए अपनी जान न्योछावर कर दी थी.
कारगिल की चोटियों में अपने पिता के सर्वोच्च बलिदान देने के 11 साल बाद वह 2010 में सेना में शामिल हुए थे. लांस नायक कुलवंत सिंह की मां ने बताया कि ‘जब सेना में शामिल होने के लिए मेरा बेटा घर से निकला तो उसने मुझसे कहा था कि उसे कुछ नहीं होगा और सब ठीक हो जाएगा. कुलवंत की मां ने करीब 24 साल पहले कारगिल युद्ध में अपने पति बलदेव सिंह को खो दिया था.’ कुलवंत की पत्नी हरदीप कौर ने बताया कि ‘कुलवंत ने शहीद होने से एक दिन पहले उसे फोन किया और कहा कि बेटे को समय पर वैक्सीनेशन लगवाया करना’. उनके परिवार में उनकी मां, पत्नी, डेढ़ साल की बेटी और चार महीने का बेटा है. कुलवंत अपने गांव के घर को फिर से बनवाने की प्लानिंग कर रहे थे क्योंकि उनका घर काफी पुराना हो गया था. कुलवंत की डेढ़ साल की बेटी और तीन महीने का बेटा है, जो मोगा के चाडिक गांव में रहते हैं. गांव के सरपंच ने कहा कि कुलवंत परिवार के इकलौते कमाने वाले थे, इसलिए सरकार को उनके परिवार की हर संभव मदद करने के लिए आगे आना चाहिए. गुरुवार (20 अप्रैल) को राजौरी सेक्टर में भीमबेर गली और पुंछ के बीच से गुजर रहे सेना के एक वाहन पर अज्ञात आतंकवादियों ने गोलीबारी कर दी थी. इस आतंकी हमले में सेना के पांच जवान शहीद हो गए थे. सेना ने अपने बयान में कहा कि संदिग्ध लश्कर आतंकवादियों ने ग्रेनेड की मदद से सेना के ट्रक में आग लगाई.