ABC NEWS: रायबरेली से बैंक चोरी का सनसनीखेज मामला सामने आया है. यहां एटीएम से 10 लाख रुपए चोरी कर लिए गए और बैंक को भनक तक नहीं लगी. बैंक इस चोरी को कभी जान भी नहीं पाता यदि चोरों ने एक छोटी सी गलती न की होती. चोरों की एक छोटी सी गलती से 10 लाख रुपए चोरी होने की जानकारी मिली तो बैंक अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए. फौरन घटना की सूचना पुलिस को दी गई. पुलिस ने सीसीटीवी कैमरा और सर्विलांस की मदद से 48 घण्टे के भीतर चोरों को दबोच लिया है. जहां चोर कोई और नहीं बल्कि बैंक का सर्विस प्रोवाइडर ही निकला.
मामला नसीराबाद थाना क्षेत्र का है. यहां थाने के पास ही पंजाब नेशनल बैंक का एटीएम है. इस एटीएम में रुपए फिल होने के बाद भी पैसे नहीं निकल रहे थे. पैसे नहीं निकलने का आटो मैसेज मुम्बई ऑफिस को मिला तो यहां से लोकल ऑफिस को इसकी जानकारी दी गई. जहां लोकल ऑफिस ने वेद मिश्रा नामक सर्विस प्रोवाइडर, कंपनी कर्मचारी को इसकी जांच के लिए भेजा. वेद मिश्रा ने दोबारा मुम्बई ऑफिस से मिले कोड से मशीन खोली और जानकारी दी कि सब कुछ ठीक है. दरअसल वेद मिश्रा ने पूर्व में कानपुर के एक अन्य साथी की सलाह पर ऐसी तकनीकि खामी छोड़ी थी, जिससे मशीन दोबारा खोलनी पड़े.
दोबारा मशीन खोलते समय ही उसने दस लाख रुपये उसमें से निकाल लिए. इस दौरान कानपुर वाले साथी ने मशीन के मदर बोर्ड में ऐसी छेड़छाड़ कर दिया जिससे जब रुपये गायब होने की जानकारी लगे तो इसे तकनीकि खामी मानकर बैंक बट्टा खाता में डाल दे.
जांच में पता चला कि 10 लाख रुपये कम हैं
बताया गया कि वेद मिश्रा के दोबारा मशीन खोलकर रुपये ठीक होने की जानकारी देने के बाद भी रुपये नहीं निकल रहे थे. तब मुम्बई ऑफिस के निर्देश पर लोकल ऑफिस ने इंजीनियर से मशीन चेक करवाई. इंजीनियर ने मशीन चेक करने के बाद जानकारी दी कि इसके मदर बोर्ड में छेड़छाड़ हुई है. अब बैंक अधिकारियों को चिंता होने लगी थी. उन लोगों ने पूरे मामले की जानकारी पुलिस को दी. तब पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों की मदद से पिछले एक हफ्ते में हुई सभी गतिविधियों का जायजा लिया तो उनका शक वेद मिश्रा पर गया. जांच टीम की अगुवाई कर रहे सीओ अमित सिंह ने बैंक अधिकारियों से कहा कि आप लोग एटीएम में मौजूद रुपयों की जांच कर लें.
हालांकि मदर बोर्ड वाले हिस्से से, रुपये वाली ट्रे का कोई संबंध नहीं होता उसके बावजूद पुलिस के कहने पर रुपये चेक किये गए तो, उसमें 10 लाख रुपये कम थे. जिसके बाद पुलिस ने रुपये डालने वाली एजेंसी के कर्मचारी वेद मिश्रा और उसके एक अन्य सहयोगी राहुल को गिरफ्तार कर लिया.
यह थी वो छोटी सी गलती
पूरे मामले के मुख्य आरोपी वेद मिश्रा के मुताबिक यह सारा ज्ञान कानपुर के रहने वाले उसके साथी का दिया हुआ था. उसने कहा था कि पहले ट्रे में रुपये ढीले छोड़ देना. ढीले छोड़ने से ग्राहक का पैसा नहीं निकलेगा. दोबारा फिर चेक करने के लिए तुमको भेजा जाएगा. उस समय पैसे निकाल लेना. उसी समय मैं मदर बोर्ड में छेड़छाड़ कर दूंगा, जिससे बैंक ये समझेगा कि सॉफ्टवेयर की खराबी से पैसे निकल गए और काउंटिंग में नहीं आए. वेद मिश्रा की छोटी से गलती यही थी कि उसने मदर बोर्ड में छेड़छाड़ करने के लिए उसका ढक्कन प्रोफेशनल तरीके से नहीं खोला था. पुलिस को इसी बात से शक हुआ और उसने रुपये की जांच करने को कहा. जिसमें10 लाख रुपए कम मिले. फिलहाल पुलिस ने वेद मिश्रा और राहुल को गिरफ्तार कर 10 लाख रुपये बरामद कर लिए हैं. वहीं पुलिस, कानपुर वाले साथी की तलाश कर रही है.