ABC News: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने राज्य के उन सभी मदरसों के सर्वे के निर्देश जारी किए हैं जिन्हें मान्यता नहीं मिली है. इसके लिए जिलाधिकारियों को आदेश दे दिया गया है. बताया जा रहा है कि, इस सर्वे टीम में एसडीएम, बीएसए और अल्पसंख्यक अधिकारी शामिल होंगे. वहीं, योगी सरकार के इस निर्देश की AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने निंदा की है. उन्होंने इसे सर्वे नहीं बल्कि एक मिनी-NRC बताया है.
Hyderabad, Telangana | Madrassas are as per Article 30 then why UP govt has ordered the survey? It’s not a survey but a mini-NRC.Some madrassas are under UP madrassa board. Govt can’t interfere with our rights under Art 30. They want to harass Muslims:AIMIM chief Asaduddin Owaisi https://t.co/EDn9pnZWT4 pic.twitter.com/xs6U6otKfG
— ANI (@ANI) September 1, 2022
ओवैसी ने ट्वीट करते हुए कहा कि, “राज्य में सभी मदरसे आर्टिकल-30 के तहत हैं फिर सरकार ने ये आदेश क्यों जारी किया है? ये सर्वे नहीं बल्कि एक छोटा एनआरसी है. कुछ ऐसे भी मदरसे हैं जो यूपी मदरसा बोर्ड के तहत हैं.” ओवैसी ने आगे कहा, “हमें आर्टिकल-30 के तहत अधिकार मिले हुए हैं और इसमें सरकार किसी प्रकार से दखलंदाजी नहीं कर सकती. ये सिर्फ मुसलमानों को प्रताड़ित करना चाहते हैं.” दरअसल, यूपी के अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने कहा कि, योगी सरकार अल्पसंख्यक और मुस्लमान युवाओं के लिए लगातार काम कर रही है. ये आदेश इसलिए दिए गए हैं ताकि मदरसों को मॉडर्न और डिजिटल बनाया जा सके. दानिश ने आगे बताया कि, 25 अक्टूबर तक जिलाधिकारी इस आदेश पर काम कर रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगे. दानिश ने इस सर्वे की और जानकारी देते हुए बताया कि, इस बात को देखा जाएगा कि मदरसों में सैलरी किस तरह दी जाती है? मदरसों का इंफ्रास्ट्रक्चर कैसा है? पहले मदरसों का सर्वे किया जाएगा उसके आधार पर आगे किसी प्रकार का फैसला लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि, सरकार को जानकारी होनी चाहिए कि असल में ग्राउंड पर चल क्या रहा है.