ABC News: अतीक और अशरफ की हत्या करने वाले आरोपियों को कस्टडी रिमांड पर लिया गया है. एसआईटी की टीम कातिलों से लगातार पूछताछ में जुटी है. शूटरों ने कई चौंकाने वाले खुलासे भी किए हैं. हत्याकांड में जिन असलहों का उपयोग किया गया था, वह दिल्ली के कुख्यात जितेंद्र गोगी गैंग से शूटरों को मिले थे.
हमीरपुर के शूटर सनी सिंह से पूछताछ में यह खुलासा किया है. हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि सनी के इस खुलासे में कितना सच है, यह विस्तृत पूछताछ के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा. सूत्रों ने बताया कि कस्टडी रिमांड के दौरान शूटर सनी सिंह ने जानकारी दी है कि दो साल पहले वह दिल्ली गया था. दिल्ली में उसकी मुलाकात गोगी गैंग के एक कारिंदे से हुई थी. उसने ही सरगना जितेंद्र गोगी से मिलावाया था. इसके बाद जितेंद्र के कहने पर सनी ने छोटे-मोटे काम भी किए थे. इसके बाद ही सनी का जितेंद्र गैंग के बाकी सदस्यों से उसका संपर्क हुआ. सनी इसके बाद दिल्ली आता जाता रहा. सूत्रों का कहना है कि उसने गोगी गैंग के सदस्यों के कहने पर आपराधिक वारदातों को अंजाम भी दिया. हर वारदात को अंजाम देने के बाद वह लौट आता था. यही वजह रही कि उसका नाम सामने नहीं आया. यह बात भी सामने आई है कि एक काम के सिलसिले में ही गोगी गैंग ने उसे जिगाना और गिरसान पिस्टलें दी थीं. हालांकि इसी दौरान सरगना गोगी मारा गया. इसके बाद सनी ने पिस्टलें वापस ही नहीं कीं. सूत्रों का कहना है कि फिलहाल यह साफ नहीं है कि पूछताछ में सामने आई यह बातें कितनी सही हैं. यह भी हो सकता है कि कोई बड़ा राज छिपाने के लिए वह यह बातें कर रहा हो. ऐसे में विस्तृत पूछताछ के बाद ही कुछ स्पष्ट हो सकेगा. कस्टडी रिमांड के दूसरे दिन एसआईटी सदस्यों ने तीनों शूटरों से तीन घंटे तक पूछताछ की थी. सीन रिक्रिएशन की कार्रवाई के चलते उनसे दोपहर में पूछताछ नहीं हो सकी. हालांकि रात में नौ से 12 बजे तक उनसे सवाल दागे गए. सबसे बड़ी बात यह है कि हत्या की वजह को लेकर शूटरों ने अभी भी अपना मुंह नहीं खोला है. शूटरों का यही कहना है कि उन्हें बड़ा डॉन बनना था.
वहीं, जानकारों का कहना है कि कस्टडी रिमांड में भी हत्याकांड से जुड़े राज न उगलवा पाने पर तीनों शूटरों का नारको या फिर लाई डिटेक्टर टेस्ट भी कराया जा सकता है. हालांकि इसके लिए उनकी मंजूरी जरूरी होगी.