ABC NEWS: कानपुर देहात में मुठभेड़ के बाद पुलिस ने हत्या के आरोपी बदमाश को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी को पैर में पुलिस की गोली लगी है जिससे घायल होने के बाद अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है. हैरान करने वाली बात ये है कि पैर में गोली लगने के बाद भी बदमाश के हाथ से बंदूक नहीं छूटी.
पुलिस पूछताछ में पता चला कि घायल बदमाश सिकंदर थाना क्षेत्र में एक महीने पहले हुई हत्या का आरोपी है. उसके दो अन्य साथियों को पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है जिसमें एक आरोपी का भाई भी था.
मामला सिकंदरा थाना क्षेत्र का है जहां बीती राज पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर एक संदिग्ध व्यक्ति को घेरकर रोकने की कोशिश की जिस पर उस व्यक्ति ने पुलिस टीम पर फायर कर दिया.
जवाबी कार्रवाई में पुलिस टीम ने भी फायरिंग की जिसमें गोली व्यक्ति के दाहिने पैर में जा लगी और वह जमीन पर गिर पड़ा. पुलिस ने घायल व्यक्ति को गिरफ्तार कर अस्पताल में भर्ती कराया है, वहीं पूछताछ में पता चला है कि घायल बदमाश शमशेर सिकंदरा के मोहम्मदपुर का रहने वाला है.
उसके पास से पुलिस को 1 देशी तमंचा, 312 बोर, 2 खाली खोखा कारतूस और 1 कीपैड मोबाइल फोन बरामद किया है. इसी हत्या के मामले में पुलिस ने पहले दो अन्य आरोपी सिराज और अहमद रजा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. सिराज शमशेर का भाई है और तीनों ने मिलकर हत्या की थी.
दरअसल 16 जनवरी को सिकंदरा थाना क्षेत्र में ईट भट्ठे पर चौकीदारी करने वाले ईनायत अली की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी गई थी. पुलिस ने मामले में दो लोगो को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.
पुलिस पूछताछ में पता चला की सिराज के भाई नौशाद की सिकंदरा थाना क्षेत्र के एक पार्क में संदिग्ध परिस्थितियों में शव मिला था. उसी पार्क की रखवाली इनायत अली करता था. दोनों भाइयों को शक था की उनके भाई नौशाद की हत्या इनायत अली ने ही की है, इसलिए दोनों भाइयों ने अपने एक साथी के साथ मिलकर इनायत अली की हत्या कर दी थी.
वहीं इस मामले में सिकंदरा की सीओ प्रिया सिंह ने बताया कि 16 जनवरी को एक व्यक्ति इनायत अली की हत्या कर दी गई थी. इस मामले में दो लोगों को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था जबकि एक आरोपी फरार था.
जब पुलिस ने घेराबंदी कर उसे पकड़ने की कोशिश की तो आरोपी ने टीम पर फायरिंग कर दी जिसमें जवाबी कार्रवाई करते हुए गोली चलाई जो आरोपी के पैर में लगी और वो घायल हो गया. पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर इलाज के लिए अस्पताल भेज दिया.