ABC NEWS: ( भूपेंद्र तिवारी ) स्वरूपनगर स्थित राजकीय बालिका गृह में जिम्मेदारों की लापरवाही रुकने का नाम नहीं ले रही है. तीन माह बाद सोमवार सुबह बालिका गृह में ढाई माह के बच्चे की मौत हो गई. इसके साथ करीब 1 बजे तक दो किशोरियां भाग गई और इसकी भनक तक नहीं लगी. जब दोपहर बाद गिनती की गई तब उनके भागने की जानकारी सामने आई. इसकी जानकारी तुरंत जिलाधिकारी और जिला प्रोवेशन अधिकारी को गई.
इसके बाद ड्यूटी में तैनात अधीक्षक से लेकर सिपाही और होमगार्ड, कर्मचारी एक दूसरे पर ठिकरा फोड़ रहे हैं. यह कोई पहली घटना नहीं है इससे पहले भी लापरवाही के मामले सामने आ चुके है लेकिन आज तक किसी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. राजकीय बालिका गृह में कानपुर देहात से 31 जुलाई और 3 अगस्त को दो किशोरियां किशोर न्याय बोर्ड कानपुर देहात के आदेश पर भेजी गई थी. सोमवार को दोपहर 12 बजे दोनों ने भोजन किया है.
इसके बाद कर्मचारियों की ड्यूटी बदली। इसके बाद कर्मचारियों दोबारा गिनती की तो दो किशोरियां कम निकलीं जिसके बाद उनके खोजने का सिलशिला शुरू हुआ. पूरे परिसर में देखा गया लेकिन कहीं नहीं मिलीं. जिससे हड़कंप मच गया. इसकी जानकारी अधीक्षिका मंजू वर्मा ने जिला प्रोबेशन अधिकारी जयदीप सिंह को जानकारी दी. हालांकि की कर्मचारी ये नहीं मालूम कर पाए कि दोनों किशोरियां कहां से कैसे भांगी. जिला प्रोबेशन अधिकारी ने बताया कि किशोरियों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है। थाने में तहरीर दे गई है.
फुटेज से भी नहीं मिला कोई सुराग
राजकीय बालिका गृह के पूरे परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगे है. जिला प्रोबेशन अधिकारी जयदीप सिंह का कहना है कि पूरे परिसर के सीसी कैमरे के फुटेज खंगाले गए है, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला. इससे अधिकारी भी हैरान है कि जब सब जगह कैमरे लगे है तो किशोरियों के भागने की फुटेज क्यों नहीं है. आखिर वे कैसे बालिका गृह से निकली कि न तो सुरक्षा कर्मियों की उन पर नजर पड़ी और न ही कोई फुटेज सामने आई.
तीन माह पहले भी हुई थी बच्चे की मौत
राजकीय बालिका गृह में तीन माह पहले भी एक बच्चे की मौत हुई थी. जिसमें जिम्मेदारों ने कहा गया था रात में दूध पीकर सोया था सुबह मौत हो गई जिसके बाद बच्चे की मां और अन्य परिजनों ने अधीक्षिका समेत स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाया था. मां का आरोप था कि बच्चा बीमार थे, लेकिन उसका इलाज नहीं कराया गया. जब बच्चा गंभीर रूप से बीमार हुआ, तब उसको हैलट भेजा गया. ठीक उसी तरह से सोमवार रात में भी ढाई माह के बच्चे की मौत हो गई है. अब बच्चे की मौत कैसे हुई ये किसी को नहीं पता. इसके लिए मंगलवार को बच्चे का पोस्टमार्टम किया जाएगा। जिसके बाद हकीकत सामने आएगी.
क्षमता से दो गुना ज्यादा हैं किशोरियां
राजकीय बालिका गृह में 100 किशोरियों की क्षमता है, लेकिन बालिका गृह में 186 किशोरियां है. क्षमता से अधिक होने की वजह से किशोरियों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है. इस बारे में शासन को अवगत कराया जा चुका है, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ.