ABC NEWS: रामचरितमानस पर टिप्पणी कर संतों और विरोधी दलों के निशाने पर आए सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने अब अपनी आलोचना पर ऐसी प्रतिक्रिया दी है जिससे विवाद बढ़ गया है. स्वामी प्रसाद मौर्य ने उनकी ‘जीभ काटने और सिर काटने’ वाला बयान देने वालों को लेकर ट्वीट किया है. स्वामी प्रसाद के ट्वीट के बाद संतों का गुस्सा और भड़क गया है. संतों ने अखिलेश यादव से स्वामी प्रसाद पर कार्रवाई की मांग तेज कर दी है.
स्वामी प्रसाद ने शुक्रवार को ट्विटर पर लिखा कि अभी हाल में मेरे दिए गए बयान पर कुछ धर्म के ठेकेदारों ने मेरी जीभ काटने एवं सिर काटने वालों को इनाम घोषित किया है, अगर यही बात कोई और कहता तो यही ठेकेदार उसे आतंकवादी कहते, किंतु अब इन संतों, महंतों, धर्माचार्यों व जाति विशेष लोगों को क्या कहा जाए आतंकवादी, महाशैतान या जल्लाद.
अभी हाल में मेंरे दिये गये बयान पर कुछ धर्म के ठेकेदारों ने मेरी जीभ काटने एवं सिर काटने वालों को इनाम घोषित किया है, अगर यही बात कोई और कहता तो यही ठेकेदार उसे आतंकवादी कहते, किंतु अब इन संतों, महंतों, धर्माचार्यों व जाति विशेष लोगों को क्या कहा जाए आतंकवादी, महाशैतान या जल्लाद।
— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) January 27, 2023
रामचरिचमानस पर टिप्पणी करने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य यह भी कहा कि वह अपने बयान पर कायम हैं. उन्होंने गुरुवार को कहा कि हमने किसी धार्मिक पुस्तक पर उंगली नहीं उठाई है. हमने तो तुलसीदास की लिखी रामचरितमानस के चौपाई के कुछ अंश पर बात की है. स्वाभाविक रूप से मैं सच के साथ खड़ा हूं. सच हमेशा विजयी होता है। जनता भी हमारे साथ में हैं. मैं किसी धर्म का विरोध नहीं कर रहा हूं, मैं किसी के आराध्य देव पर हमला नहीं कर रहा हूं.
स्वामी प्रसाद के बयान के बाद भाजयुमो नेता कर्ण सिंह ने जीभ काटकर लाने पर 10 लाख रुपए का इनाम देने की बात कही थी. अखिल भारत हिंदू महासभा के एक नेता ने भी 51,000 रुपये का इनाम देने की घोषणा की थी. कई और लोगों ने इसी तरह स्वामी प्रसाद पर हमले किए.
इन हमलों से बेखबर स्वामी प्रसाद ने भी हिन्दुवादियों को निशाने पर लेने लगे हैं. गुरुवार को भी इसी तरह का ट्वीट किया था. उसमें स्वामी प्रसाद ने लिखा कि अभी तक शूद्र वर्ण व्यवस्था का एक अंग था और अब हनुमान धाम के शास्त्री के अनुसार संतुलन खोने वाला शूद्र होता है नए ज्ञान के लिए धन्यवाद, मतलब यह मान लें कि मेरे बयान पर जिन संतों, महंतों,धर्माचार्यों व जाति विशेष ने पागलों की तरह संतुलन खोकर अनाप-शनाप कहा है वह सभी शूद्र व नीच हैं. संतों ने स्वामी प्रसाद की टिप्पणियों से नाराज होकर अब सपा प्रमुख अखिलेश यादव से भी उन पर कार्रवाई करने की अपील की है.